अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन दो दिवसीय यात्रा पर रूस गए हैं। जॉन बोल्टन रूस में आला अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऐलान किया था कि शीत युद्ध के दौरान रूस के साथ हुई संधि को वह तोड़ना चाहते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस ट्रीटी के नाम पर अमेरिका को दशकों तक धोखा दिया गया है। उन्होंने रूस को सबसे बड़ा खतरा बताया।
यह संधि साल 1987 में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और सोवियत संघ के आखिरी नेता मिखाइल गोर्बाचेव के मध्य हुई थी। मिखाइल गोर्बाचेव ने कहा कि इस संधि को तोड़कर अमेरिका बुद्धिमता की कमी दर्शा रहा है और यह गलती उन्हें भारी पड़ेगी।
जॉन बोल्टन सोमवार को अपने समकक्षी और उसके बाद रुसी विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे। वह मंगलवार को राष्ट्रपति व्लामिदिर पुतिन के साथ संधि के बाबत बातचीत करेंगे। राष्ट्रपति के प्रवक्ता के मुताबिक रुसी नेता अमेरिका के इरादों स्पष्टीकरण का इंतजार कर रहे हैं।
राष्ट्रपति के प्रवक्ता दमित्री पेस्वोक में पत्रकारों को बताया कि इस संधि के मुखालिफ होने का मतलब दुनिया को और खतरनाक बनाना है। उन्होंने अमेरिका के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रूस ने संधि का उल्लंघन नहीं किया है बल्कि अमेरिका ऐसी चाल चलता आ रहा है।
ट्रम्प प्रशासन ने आरोप लगाया कि रुस 9एम729 मिसाइल का निर्माण कर रहा है जो इस संधि के तहत प्रतिबंधित है। इस संधि के मुताबिक 310 से 3400 मील की दूरी मापने वाली मिसाइल का निर्माण नहीं किया जा सकता है।
अमेरिका ने रूस पर कासटा कानून के तहत प्रतिबन्ध लगा रखे हैं। यह कानून बीते वर्ष सीनेट में पारित हुआ था जिसका मकसद रूस और उत्तर कोरिया जैसे देशों के परमाणु हथियरों के मंसूबों को ध्वस्त करना है। अमरीका ने चीन की सेना पर भी कासटा के तहत प्रतिबन्ध लगाये क्योंकि चीनी सेना ने रूस से हथियारों का सौदा किया।