कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार देश की आवाज को दबाना चाहती है और विपक्ष को यह कतई बर्दाश्त नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी सोची-समझी रणनीति के तहत एक-एक करके देश की लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं को कब्जे में ले रही है और हमारे संविधान की नीतियों को नकार रही है।
राहुल बेंगलुरु में कर्नाटक सरकार की ओर से आयोजित तीन दिवसीय बी आर अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने अम्बेडकर का नाम लेकर मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का मकसद हमारे संविधान को कमजोर बनाना है जो हमें ‘बाबासाहेब’ ने दिया था।
मोदी को आड़े हाथ लिया
दलितों और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को उन्होंने आरएसएस और मोदी की मिलीभगत बताते हुए कहा कि सरकार हिटलर के नक्शेकदम पर चल रही है। हिटलर कहता था कि वास्तविक से वास्ता रखो और उसपर अपनी पकड़ बनाये रखो ताकि जरुरत पड़ने पर आप उसका गाला घोट सको। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केंद्र में रहकर यही काम कर रहे हैं और ऐसे कदम में आरएसएस उनका साथ दे रही है।
उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही शक्तिशाली वर्ग ने कमजोरों कि आवाज को दबाने का काम किया है। उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत का उदहारण देते हुए इसे समझाया। उन्होंने कहा कि शक्तिशाली अंग्रेजों ने लाखों-करोड़ों हिन्दुस्तानियों की आवाजों को अपनी ताक़त के दम पर बंद करा रखा था। सरकार दबे-कुचले वर्ग के साथ यही कर रही है। लेकिन उसे भूलना नहीं चाहिए कि उन्हीं दबी आवाजों ने देश से अंग्रेजी शासन को उखाड़ फेंका था।
इस सम्मेलन में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल के अलावा नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, पूर्व सांसद प्रकाश अम्बेडकर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और मार्टिन लूथर किंग – III मौजूद रहे।