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राहुल गांधी की यूएई यात्रा ने एक जन नेता के रूप में उनकी छवि को मजबूत किया है:कांग्रेस

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की हालिया यात्रा ने एक जन नेता के रूप में उनकी छवि को मजबूत किया है, जिनका संदेश दुनिया भर में भारतीयों के साथ प्रतिध्वनित होता है, पार्टी ने सोमवार को एक प्रेस बयान में कहा।

पिछले सप्ताह यात्रा के दौरान, गांधी को काफी उत्साही प्रतिक्रिया मिली और उन्होंने कई समूहों के साथ बैठक की, जिसमें निर्माण मजदूर, छात्र, व्यापारी नेता और मीडिया शामिल थे। पार्टी ने कहा कि उन्होंने यूएई सरकार के वरिष्ठ सदस्यों के साथ बंद दरवाजे की बैठक की।

अपने दौरे के दौरान, गांधी ने ‘बेरोजगारी और कृषि संकट’ के मुद्दों को संबोधित किया, और विभाजन के खिलाफ बात की। उन्होंने छात्रों और व्यापारिक नेताओं के साथ बातचीत की, और अबू धाबी में शेख जायद ग्रैंड मस्जिद का दौरा किया। गांधी ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन, केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर विवाद और राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर भी चर्चा की।

राहुल का टूर रिकैप

राहुल ने वहाँ भारत में वर्तमान में चल रहे कुछ मुद्दों पर अपनी राय रखी। इसके प्रमुख अंश यहाँ हैं।

असहिष्णुता

उन्होंने कहा कि असहिष्णुता और ध्रुवीकरण की मार झेल रहा आज का भारत कभी मज़बूत और सफल नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत होगी और देश को फिर से एकजुट किया जायेगा, ताकि बेरोजगारी समेत सभी चुनौतियों को चुनौती दी जा सकें।

उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार का जिक्र किए बिना कहा-“एक भारतीय के तौर पर मेरे लिए पिछले कुछ साल दुखदायी रहे हैं। क्या विनम्रता के बिना सहिष्णुता संभव है? क्या यह सोचकर भारत को चला सकते हैं कि एक विचार सही है और बाकी सब बेकार हैं। आज मेरा देश बंटा हुआ है। यह राजनीतिक कारणों से और राजनीतिक लाभ के चलते बंटा हुआ है।  विभिन्न धर्मों के स्तर पर बंटा हुआ है, समुदायों के स्तर पर बंटा हुआ है।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा-“क्या बंटी हुई क्रिकेट टीम मैच जीत सकती है? कभी नहीं। फिर भला एक देश कैसे आगे बढ़ सकता है? हमें फिर से भारत को फिर से एकजुट करना है. सभी लोगों, धर्मों, राज्य और समुदायों को साथ लाना है। बंटा हुआ भारत सफल और मजबूत नहीं हो सकता। अगर हमारा महान देश बंटा रहेगा तो कभी मजबूत नहीं हो सकता।”

उत्तर प्रदेश गठबंधन

सपा-बसपा गठबंधन की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद, गाँधी ने कहा कि उनकी पार्टी अपने दम पर यूपी में चुनाव लड़ेगी। दुबई में प्रेस कांफ्रेंस के वक़्त उन्होंने कहा-“मेरे अंदर सपा और बसपा के नेताओं के लिए काफी सम्मान है और मैं स्वीकार करता हूँ कि उन्हें अपनी मर्ज़ी से चीज़े करने का अधिकार है। ये हमारे ऊपर है कि हम उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को कैसे मजबूत बनाये और हम अपनी पूरी क्षमता से लड़ेंगे।”

उन्होंने आगे कहा-“कांग्रेस पार्टी के पास उत्तर प्रदेश के लोगों को देने के लिए बहुत कुछ है।”

सबरीमाला विवाद 

गांधी ने यह भी कहा कि वह सबरीमाला मुद्दे पर कोई एक पक्ष नहीं ले सकते क्योंकि उन्हें दोनों पक्षों के तर्क में वैधता नज़र आती है।

उनके मुताबिक, “मैं इस तर्क में वैधता देख सकता हूँ कि परम्पराओं को संरक्षित करना जरूरी है और मैं इस तर्क में भी वैधता देख सकता हूँ कि महिलाओं के पास समान अधिकार होने चाहिए।”

By साक्षी बंसल

पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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