राजनीति का खेल कुछ ऐसा है जिसमे मुद्दे कभी पुराने नहीं होते। राजनीतिक पार्टियां अपने फायदे और मुनाफे के अनुसार मुद्दों को अलग अलग फ्लेवर में जनता के सामने परोसती रहती हैं। राजनीती में मुद्दों को सही समय और सही मौके के लिए संभाल कर रखा जाता है।
समय, स्थान और सही मौके की अगर जुगलबंदी हो, तो अतीत के गर्व में पड़े मुद्दे भी चुनाव में जीत दिला सकते हैं। शायद यही कारण है कि राजनेता किसी भी मुद्दे को मुरझाने नहीं देते, बल्कि हर मुद्दे को राजनीतिक खाद और पानी देकर सदाबहार बनाए रखते है। चुनाव के मौसम में गरीबों पिछड़ों और दलितों के दुखों का स्मरण राजनेताओं को होने लगता है।
यही कारण है कि जब बीजेपी ने इस चुनाव प्रचार में दलितों को अपने साथ करने के लिए उनके मंदिरों और भगवानों का सहारा लिया, तो जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने एक बार फिर रोहित वेमुला का मुद्दा उठा दिया। राहुल जानते है कि भावनाओं की कीमत विकास के वादों और दावों से कई ज्यादा होती है।
विकास के वादे और दावे शायद चुनाव में आपको उतना फायदा नहीं पहुंचाते जितना भावनात्मक मुद्दे पहुंचाते है। भावनात्मक मुद्दों को हथियार बनाकर चुनाव लड़ा भी जा सकता है, और चुनाव जीता भी जा सकता है। राहुल ने रोहित वेमुला की मौत को आत्महत्या नहीं बल्कि बीजेपी सरकार द्वारा की गयी हत्या बताया। उन्होने कहा कि रोहित की मौत की वजह केंद्र की मोदी सरकार है।
बीजेपी को निशाना बनाते हुए राहुल ने कहा कि ”कैसे हिम्मत की रोहित वेमुला ने कि शिक्षा के लिए कॉलेज चला गया? चिट्ठी आती है मिनिस्टर के यहां से और उसको कुचल देते हैं। रोहित वेमुला ने आत्महत्या नहीं की, उसकी हत्या हिंदुस्तान की सरकार नेकी थी।”
चुनावों के वक्त एक दूसरे पर आरोप लगाने की कोई कोई कीमत नहीं अदा करनी पड़ती, बल्कि उल्टे आरोप लगाने से फायदा ही मिलता है। यही कारण है कि भारत में कोई भी चुनाव हो, राजनेता आरोपों की बरसात करना कभी भूलते नहीं हैं। बीजेपी के द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के जवाब में राहुल ने एक बार फिर बीजेपी को नोटबंदी, कर्जमाफी और जीएसटी के मुद्दों पर घेरा हैं।
राहुल ने कहा कि ”नोटबंदी के समय जब आप लाइन में लगते थे, तब क्या किसी सूट-बूट वाले को देखा था? मैं बताता हूं क्यों नहीं देखा, क्योंकि वे पहले से ही बैंक के अंदर पीछे से घुस के एसी में बैठे थे।”
राहुल द्वारा बरसाए आरोप रूपी तीरों का जवाब बीजेपी कैसे देगी यह आगामी सोमवार को देखने को मिल सकता हैं। गौरतलब हैं कि सोमवार से मोदी गुजरात में चुनाव प्रचार प्रसार के लिए आ रहे हैं। वो यहां ताबड़तोड़ आठ चुनावी रैलियां करेंगे।