Wed. Apr 17th, 2024
    गुजरात विधानसभा चुनाव

    चाहे कुछ लोग कितना भी विरोध में क्यों ना उतर आए, चाहें कुछ लोग कितना ही नकारत्मक प्रचार-प्रसार क्यों ना करें, परन्तु गुजरात का जनमानुष नरेन्द्रभाई मोदी और भाजपा के साथ है। ऐसा ही कुछ कहना है, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव का। वह कहते हैं ना, “बदनाम होंगे तो क्या नाम ना होगा” और वैसे भी कोई भी पब्लिसिटी कभी भी सही या गलत नहीं होती है, शायद ऐसा ही कुछ नजारा हमें 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान देखने को मिला था, जब विरोधी दलों द्वारा भाजपा के खिलाफ किए गए या अधिक सरल शब्दों में कहे तो नरेन्द्र मोदी के खिलाफ किए गए प्रचार का फयदा भाजपा को चुनाव में हुआ था।

    दरअसल, दिल्ली विश्वविद्यालय में नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) द्वारा आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में ‘विजन इंडिया-न्यू इंडिया’ के मुद्दे पर अपना भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि नरेन्द्रभाई मोदी को लोगों का जमीनी स्तर पर समर्थन प्राप्त है, क्योंकि देश समझ गया हैं कि केंद्र सरकार ‘‘देश के लिये अच्छा कर रही है और सही समय पर सही कदम उठा रही है”। उन्होंने कुछ बड़े फैसलों के कारण देश में आए बदलावों के विषय में बोलते हुए कहा कि “हम जनता के दुखो से अनिभिज्ञ नहीं है, परन्तु देश हित के लिए कुछ कठोर कदम उठाना आवयशक हो जाता है और कोई भी बदलाव बिना दर्द के संभव नहीं है”।

    राम माधव ने राजनीतिक रूप से बिना नाम लिए व्यंग करते हुए कहा कि “दिल्ली में कुछ लोग भाजपा से डरते है और हमने ऐसे लोगों के लिए एक विशेष सब्द का ईजाद किया है जिसे हम “डेमोफोबिया” कहते है, यह एक प्रकार का भय है जो ज्ञानी लोगों से जुड़ा हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि “लोग अपनों से ही नाराज होते है और अगर गुजरात का जन हमसे नाराज है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह हमारा साथ छोड़ देगा और वैसे भी परिवार में तो अनबन चलती ही रहती है”।