लोकसभा चुनाव के कुछ ही महीने दूर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के रायपुर में घोषणा की कि अगर वे सत्ता में आते हैं, तो उनकी सरकार देश के प्रत्येक गरीब व्यक्ति को “न्यूनतम आय की गारंटी” प्रदान करेगी।
उनके मुताबिक, “कांग्रेस ने हर राज्य के गरीबों को न्यूनतम आय देने का फैसला किया है। गरीबो को सीधा अपने बैंक खातों से न्यूनतम आय मिल जाएगी। ये दुनिया की सबसे अनोखी योजना होगी क्योंकि इससे पहले इस योजना को किसी ने भी पेश नहीं किया है।”
We cannot build a new India while millions of our brothers & sisters suffer the scourge of poverty.
If voted to power in 2019, the Congress is committed to a Minimum Income Guarantee for every poor person, to help eradicate poverty & hunger.
This is our vision & our promise.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 28, 2019
“कोई भूखा और गरीब नहीं रहेगा। हम इसे छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ साथ बाकी राज्यों में पेश करेंगे। पहली बार, कांग्रेस ये एतिहासिक फैसला लागू करने जा रही है। आपको बस इतना करना है कि हमें एक मौका देना है।”
राहुल गाँधी, ‘किसान आभार सम्मलेन’ मैं जनता को संबोधित कर रहे थे जिसमे राज्य भर से बड़ी मात्रा में किसान इकठ्ठा हुए थे। राहुल उन्हें राज्य में जिताने के लिए उनका आभार व्यक्त कर रहे थे।
राहुल गाँधी ने कहा कि जो चुनावों से पहले उन्होंने कृषि ऋण मांफी का वादा किया था, वो उनकी सरकार बनने के एक ही बाद पूरा कर दिया गया।
उन्होंने कहा-“भाजपा सरकार ने क्यों किसानों का क़र्ज़ मांफ नहीं किया? नरेंद्र मोदी सरकार ने पैसो की कमी का हवाला देते हुए क़र्ज़ मांफ नहीं किया। भाजपा के पास 15 उद्योगपतियों के क़र्ज़ मांफ करने के लिए पैसा है और अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी को 30,000 करोड़ रूपये का फायदा देने के लिए पैसा है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने ये इलज़ाम लगाया कि मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्वास अधिनियम, 2013 में उचित मुआवजा और पारदर्शिता के प्रावधानों को कम करने के लिए बेताब प्रयास किए, और बाद में 2014 में सत्ता में आने के बाद गलत इरादों वाले संशोधनों को आगे बढ़ाने की कोशिश की।
उनके मुताबिक, “2013 के कानून में लिखा है कि किसानों से ली गयी ज़मीन के मामले में आपको मार्किट रेट का चार गुना ज्यादा भुगतान करना होगा और इसके अलावा, इसमें ये भी लिखा है किसानों की मर्ज़ी के बिना उनकी ज़मीन नहीं हथिया जा सकती और अगर भूमि अधिग्रहण के पांच सालों के अन्दर वो परियोजना नहीं बनी जिसके लिए ज़मीन ली गयी है तो ज़मीन किसानों को लौटानी लोगी।”
उन्होंने आगे कहा कि जब वे सत्ता में आयेंगे तो वे इस कानून को गंभीरता पूर्वक लागू करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ ने पहले ही टाटा स्टील की एकीकृत स्टील परियोजना के लिए बस्तर के आदिवासी किसानों से अधिग्रहित भूमि को वापस करके शुरुआत कर दी है।