कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने बिहार के मुख्यमंत्री और महागठबंधन के अपने पूर्व सहयोगी नीतीश कुमार पर धोखा देने का आरोप लगाया है। अपने हालिया जारी बयान में राहुल गाँधी ने कहा कि नीतीश कुमार ने सत्ता के लोभ में आकर भाजपा का दामन थामा है। वह मुझसे मिले थे और बिहार में जारी इस उठापटक का समाधान निकालने का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि वो बिहार में महागठबंधन को टूटने नहीं देंगे। पर उन्होंने ये कदम निश्चित रूप से सत्ता के लोभ और भाजपा के दबाव में आकर उठाया है। राहुल गाँधी ने नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अपने निजी स्वार्थ और सत्ता के लोभ में आकर उन्होंने गठबंधन की राजनीति के उसूलों को ताक पर रख दिया है। गौरतलब है कि राहुल गाँधी और नीतीश कुमार ने इस मुद्दे के बाबत मुलाक़ात की थी और साथ चलने की बात कही थी।
राहुल गाँधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए नीतीश कुमार ने कहा है कि उन्होंने यह निर्णय अपने स्वार्थ के लिए नहीं वरन बिहार के हित के लिए लिया है। उन्हें सही वक़्त का इंतजार है। सही वक़्त आने पर वो सभी को माकूल जवाब देंगे।
दिल्ली में मिले थे राहुल – नीतीश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में शरीक होने से पहले नीतीश कुमार ने राहुल गाँधी से मुलाक़ात की थी। इस मुलाक़ात में दोनों के बीच महागठबंधन के भविष्य निर्धारण और बिहार में कायम गतिरोध को लेकर चर्चा हुई थी। राहुल गाँधी ने नीतीश कुमार को आपसी बातचीत का रास्ता सुझाया था। यह मुलाक़ात करीब 40 मिनट तक चली थी। लेकिन अफवाहें तब उड़नी शुरू हुई जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश कुमार को पहली पंक्ति में बिठाया गया। शपथ ग्रहण समारोह समाप्त होने के बाद अमित शाह खुद जाकर नीतीश से मिले भी थे।
नीतीश के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए दिग्गज कांग्रेसी और पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है कि बिहार में एकबार फिर राज्यपाल ने सरकारिया कमीशन और देश के सर्वोच्च न्यायलय के आदेशों का उल्लंघन किया है। आरजेडी राज्य कि सबसे बड़ी पार्टी थी फिर भी उसे सरकार बनाने के लिए बहुमत सिद्ध करने का मौका नहीं मिला। श्री सिंह ने कहा कि भाजपा का शासन तानाशाही कि तरफ बढ़ता जा रहा है। वह ना पहले लोकतंत्र में विश्वास करती थी ना उसे अब लोकतंत्र में विश्वास है।