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    कांग्रेस पार्टी राहुल गाँधी

    आज राहुल गाँधी 132 साल पुरानी भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चुने जायेंगे। चुकि किसी और ने नामांकन दाखिल नहीं किया है, इसलिए नाम वापसी के अंतिम दिन यानी सोमवार को उन्हें निर्विरोध घोषित कर दिया जायेगा। कहा जा रहा है कि औपचारिक रूप से उनकी ताजपोशी 16 दिसंबर को होगी। 47 वर्षीय राहुल गाँधी पार्टी अध्यक्ष पद पर विराजमान होने वाले नेहरू परिवार के छठे सदस्य होंगे। राहुल पिछले 13 साल से अपनी माँ और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी के मार्ग दर्शन में राजनीति की बारीकियों को सिख रहे थे। भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस में राहुल गाँधी की हैसियत चार साल से दूसरे स्थान पर रही है। उनके इन चार सालो में पार्टी की स्थिति नाजुक हो गई है क्योकिं कुछ ही राज्यों में पार्टी ने अपनी छवि बरकरार रखी है। ऐसी परिस्थिति में भले ही राहुल गाँधी के ताजपोशी की चर्चा की जा रही हो लेकिन उनके सामने बहुत सारी चुनौतियों की लाइन लगी है। क्योकिं चार साल में राहुल ने पार्टी को किस कदर संभाला है, इसके परिणाम स्पष्ट है।

    राहुल गाँधी नेहरू परिवार के उत्तराधिकारी है लेकिन युवा मतदाताओं का भरोसा जीतने के लिए सिर्फ यही काफी नहीं रह गया है। आज भारत देश में युवाओ की उम्मीदें और उनकी मानसिकता बदल चुकी है। इसलिए राहुल गाँधी को अध्यक्ष पद सँभालने के बाद नेहरू परिवार के विचार से बाहर निकलना पड़ेगा। जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता से सीधे जुड़ने जाते है, ठीक वैसे ही रवैये अख्तियार करना पड़ेगा।

    सिर्फ छह राज्य शेष

    भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस में नेताओ की संख्या ज्यादा और कैडर की संख्या कम है। देखा जाये तो 2014 से अभी तक पार्टी ने केवल खोया है। कांग्रेस के पास केवल छह राज्य ही शेष बचे है।

    पार्टी अपनी जनाधार खोती जा रही है, अब नए पार्टी अध्यक्ष के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी कि वह अपने जनाधार को कैसे मजबूत करेंगे। कभी पुरे देश में एकछत्र राज करने वाली पार्टी अब केवल छह राज्यों में ही सीमित है, उसमे भी एक केंद्रशासित प्रदेश है। ऐसे में पार्टी और पार्टी कार्यकर्ताओ में नई ऊर्जा का संचार करना पार्टी अध्यक्ष के लिए बड़ी चुनौती होगी।

    नेहरू-गाँधी परिवार से बनते अध्यक्ष (बनते समय उम्र)

    मोतीलाल नेहरू (58)
    पंडित जवाहर लाल नेहरू (40)
    इंदरा गाँधी (45)
    राजीव गाँधी (46)
    सोनिया गाँधी (52)
    राहुल गाँधी (47)

    अब माना जा रहा है कि इस बारे में अंतिम फैसला 12 दिसंबर को राहुल गांधी के दिल्ली वापस आने के बाद लिया जाएगा। बताया जा रहा कि इस मामले में पंडितों से बात की जा रही है कि वाकई खरमास कितनी तारीख से और कितने बजे लग रहा है। अगर 16 दिसंबर को दोपहर बाद खरमास लग रहा हो तो फिर 14 की जगह 16 को राहुल अध्यक्ष पद का सर्टिफिकेट लेने चुनाव कमेटी के पास जा सकते हैं।

    ताजपोशी को मेगा शो बनाने की है तैयारी

    सूत्रों के मुताबिक राहुल जब अपना सर्टिफिकेट लेने आएंगे तो उनकी मां और कांग्रेस की निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी भी उनके साथ होंगी। साफ है कि कांग्रेस की 14 दिसंबर को राहुल की ताजपोशी को मेगा शो बनाने की तैयारी है। अभी तक कांग्रेस नेताओं का मानना था कि राहुल की ताजपोशी के मेगा शो से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह होग। गुजरात में इसी दिन वोटिंग में उसे इसका फायदा भी मिल सकता है।

    अब देखना है कि राहुल गाँधी इस पद को लेकर कितना सक्रीय नजर आ रहे है। जनाधार को कैसे सम्मलित करेंगे, कार्यकर्ताओ को किस तरह से सतर्क करेंगे। राहुल गाँधी की इम्तहान की घडी अब शुरू हो रही है।