दिल्ली में चले रहे किसानो के विरोध प्रदर्शन में आज एक नयी चीज़ देखने को मिली। देश की सबसे पुरानी पार्टी ‘कांग्रेस’ के अध्यक्ष राहुल गाँधी और कुछ ही सालो से लोगो की नजर में आई पार्टी-‘आम आदमी पार्टी’ के चीफ अरविन्द केजरीवाल आज साथ साथ आये नजर। उन दोनों ने मिलकर किसानो की तरफ से निकाले गए जुलूस में हिस्सा लिया।
उनके इस मिलन पर भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट करके कहा-“राहुल गाँधी और अरविन्द केजरीवाल एक ही मंच पर हैं। इसका मतलब ये है ये सिर्फ एक नाटक है और जनता को भ्रमित करने की एक चाल है। देश की जनता ने उन दोनों को नकार दिया है इसलिए उन दोनों के साथ आने का कोई मतलब नहीं है।”
राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल एक ही मंच पर है, इसका एक ही अर्थ है – ड्रामा और कन्फ़्यूज़न एक ही मंच पर है। देश की जनता ने इनका साथ छोड़ दिया है इसीलिए इनके एक साथ आने से कुछ नहीं होता – डॉ @sambitswaraj pic.twitter.com/vFaeBtyYTE
— BJP (@BJP4India) November 30, 2018
अरविन्द केजरीवाल ने अपनी राजनीती की पारी, दिल्ली की इसी जगह से शुरू की थी। उन्होंने पिछली कांग्रेस सरकार के खिलाफ चुनावी अभियान चलाया था।
संसद से करीब एक किलोमीटर दूर खड़े किसानो को सम्बोधित करते हुए राहुल गाँधी ने कहा था कि यहाँ मौजूद सभी पार्टियाँ अलग अलग विचारधारा पर चलती हैं।
कुछ ही देर बाद, केजरीवाल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में किये अपने वादों को पूरा ना करके किसानो की पीठ पर खंजर घोपा है।
अरविन्द केजरीवाल ने 2013 में ‘कांग्रेस’ सरकार की दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से दिल्ली की कमान छीन कर खुद अपने हाथो में ले ली थी। इसलिए ये केजरीवाल के लिए बड़ी दुविधाजनक स्तिथि हो सकती है क्योंकि इस लड़ाई के बावजूद भी उन्हें 2019 के लोक सभा चुनावो के लिए ‘कांग्रेस’ को समर्थन देना पड़ सकता है।