केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को “राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024” की थीम “विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक” जारी की।
इस वर्ष की थीम भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों और स्वदेशी तकनीकों के माध्यम से समग्र कल्याण के लिए चुनौतियों का समाधान करने के लिए लोक प्रशंसा को बढ़ावा देने की रणनीतिक दिशा पर केंद्रित है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “यह थीम न केवल एक नए युग का प्रतीक है, बल्कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैज्ञानिक समुदाय और जनता के लिए सहयोग, समन्वय और भारत और मानवता की भलाई में योगदान करने का अवसर भी प्रस्तुत करती है।”
यह थीम विज्ञान के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर बनाने के महत्व पर जोर देती है और समग्र मानवता के लिए महत्वपूर्ण विषयों को संबोधित करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
28 फरवरी को हर साल ‘रमन प्रभाव’ की खोज के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (एनएसडी) मनाया जाता है। भारत सरकार ने 1986 में 28 फरवरी को एनएसडी के रूप में नामित किया था। इस दिन सर सीवी रमन ने ‘रमन प्रभाव’ की खोज की घोषणा की थी जिसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
हाल के वर्षों में भारत ने वैज्ञानिक क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। आज भारत वैज्ञानिक अनुसंधान प्रकाशनों में शीर्ष पांच देशों में शामिल है, ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) में 40वें स्थान पर है और पेटेंट फाइलिंग 90,000 को पार कर गई है।
यह सब कृत्रिम बुद्धिमत्ता, खगोल विज्ञान, ऊर्जा, अर्धचालक, जलवायु अनुसंधान, अंतरिक्ष अनुसंधान और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में देश में विज्ञान प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र की मजबूती के कारण है। चंद्रयान -3 की सफल लैंडिंग के साथ भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश बन गया।
भारत को मजबूत वैक्सीन विकास क्षमता के लिए भी जाना जाता है, और यह कोविड महामारी के दौरान साबित हुआ है। भारत अब क्वांटम प्रौद्योगिकी में वैश्विक प्रगति की बराबरी करने के लिए तैयार है।
डीएसटी सचिव, प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा, “एनएसडी 2024 की थीम ‘विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक’ भारत को वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
उन्होंने कहा, “यह थीम वैज्ञानिक समुदाय और जनता को प्रेरित करेगी और देश के विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करेगी।”