अमेरिका और रूस के मध्य अपना प्रभुत्व कायम करने की होड़ चल रही है। रुसी राष्ट्रपति ने कहा कि शीत युद्ध संधि में किसी तीसरे राष्ट्र के लिए प्रवेश के मार्ग खुले हैं। इस संधि के तहत मिड रेंज परमाणु हथियारों को सीमित रखना होता है। इया माह अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि यदि रूस ने 60 दिनों में मिसाइल को ध्वस्त नहीं किया तो वह रूस के साथ हुई इंटरमेडिएट रेंज न्यूक्लियर फाॅर्स ट्रीटी को तोड़ देंगे।
तीसरे राष्ट्र को प्रवेश की अनुमति
अमेरिका ने कहा था कि अमेरिका ने संधि का उल्लंघन किया था। रक्षा मंत्रालय की बैठक के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अमेरिका ने खुद इस द्विपक्षीय संधि का उल्लंघन किया है और इस संधि में अन्य देशो से प्रवेश करने का आग्रह किया है।
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि इस संधि के साथ कई मुश्किलें हैं, अन्य देश शोर्ट और मिड रेंज मिसाइल का निर्माण कर रहे हैं जो इस संधि का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संधि के बाबत बातचीत या नई संधि पर चर्चा शुरू करने से क्या रोक रहा है।
रूस भी अमेरिका का पलटवार करेगा
रुसी राष्ट्रपति ने दोहराया कि यदि अमेरिका इस संधि से बाहर निकला और रूस भी इसका प्रतिकार करेगा। उन्होंने कहा कि इस संधि से जो भी शिकायत हो, लेकिन जारी हालातों में यह एक स्थिर किरदार निभा रही है। इस माह की शुरुआत में व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि कई देश मिड रेंज मिसाइल का निर्माण कर रहे हैं जो आईएनएफ संधि के तहत प्रतिबंधित है।
साल 1987 में हुई थी संधि
यह संधि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और सोवियत संघ के अंतिम नेता मिखाइल गोर्बाचेव के मध्य हुई थी। इस संधि के तहत अमेरिका ने पश्चिमी जर्मनी और ब्रिटेन से मिसाइल तैनाती हटा ली थी जबकि सोवियत संघ ने यूरोपियन रेंज से एसएस-20 को हटा लिया था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस को परमाणु संधि के नियमों का पालन करने के लिए 60 दिनों का अल्टीमेटम दिया था।