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    म्यांमार से बेघर हुए रोहिंग्या शरणार्थी

    म्यांमार की सेना से जुड़ने वाले पेज और अकाउंट को फेसबुक ने हत्या दिया है। म्यांमार में हुए मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ यह फेसबुक की पहल है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने बयान जारी कर कहा कि कंपनी गलत सूचना और द्वेषपूर्ण भाषण पर नियंत्रण करने में विफल रही है, जिसके जवाब में यह कार्रवाई की गयी है।

    म्यांमार में फेसबुक सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली सोशल मीडिया साईट है और इस साईट पर नफरत भरे पोस्ट पर कार्रवाई करने में विफल रहे पर आलोचकों के निशाने पर थे, विशेषकर रोहिंग्या मुस्लिमों के देश में फेसबुक को काफी निन्दाएं सहनी पड़ी थी।

    फेसबुक ने कहा कि करीब 425 पेज, 17 ग्रुप, 135 अकाउंट और 15 इंस्टाग्राम अकाउंट हटा दिए गए हैं। जो अधिकतर मनोरंजन, न्यूज़, ब्यूटी और लाइफस्टाइल से सम्बंधित पोस्ट करते थे लेकिन असल में इनके ताल्लुक सेना से थे।

    यूएन जांचकर्ताओं ने म्यांमार में नरसंहार के लिए कट्टर राष्ट्रवादी बौद्ध संत और सेना को जिम्मेदार ठहराया था। फेसबुक ने पोस्ट कर कहा कि फेसबुक पर कोई गुमराह करने के ल्लिये पेज न बनाये। हटाये गए कई पेज के नाम “डौन फॉर एनीथिंग”, “लेट्स लाफ कासुअल्ली”, “वी लव म्यांमार” थे।

    फेसबुक अपनी छवि को सुधारने का प्रयास कर रहा है, गति को बढाने पर कार्य जारी है और साथ ही साल 2018 के अंत तक 100 म्यांमार की भाषा के समीक्षकों को भर्ती करेगा। आलोचकों के मुताबिक 2 करोड़ लोगों की आबादी पर नज़र रखने के लिए यह कदम काफी नहीं है, कई क्षेत्रीय भाषाओँ में भी गड़बड़ी है।

    फेसबुक की स्वतंत्र कमीशन की रिपोर्ट में कहा गया था कि राज्य में अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी की गयी थी, इस प्लेटफार्म के संरक्षण के लिए कंपनी को काफी कुछ करना चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि म्यांमार में साल 2020 के चुनावों में गलत सूचना और साजिश के लिए इस सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया जायेगा।

    बीते कुछ वर्षों में म्यांमार की अधिकतर जनता ऑनलाइन हुई है, देश में दशकों तक सैन्य तानाशाही के बाद देश के दरवाजे स्मार्टफ़ोन के लिए खुले थे। नेता अंग सान सु की की सरकार ने सेना के साथ सत्ता साझा करने के समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। रोहिंग्या मुस्लिमों पर अत्याचार के खिलाफ चुप्पी साधने के कारण उनकी काफी आलोचनायें हुई थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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