राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नौ दिनों की आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और सोल्वेनिया की आधिकारिक यात्रा करेंगे ताकि तीन यूरोपीय देशों केके साथ भारत के राजनीतिक और आर्थिक सम्बंधो का विस्तार करेंगे।
ब्लू इकॉनमी, सतत विकास, पर्यटन, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्रों में सहयोग इए यात्रा के दौरान आला एजेंडा होगा। 9 सिंतबर को कोविंद आइसलैंड में होंगे और इस दौरान वह आइसलैंड के समकक्षी गुंडी थॉमसन और प्रधानमंत्री कटरीन जोकोसबिट्टोर से वार्ता करेंगे।
कोविंद आइसलैंड की यूनिवर्सिटी में हरा भरा ग्रह बनाने की तरफ भारत और आइसलैंड की साझेदारी के बारे में लेक्चर देंगे। सरमा ने कहा कि यह यात्रा आइसलैंड के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करेंगे। वह आर्कटिक परिषद की अध्यक्षता का अधिग्रहण कर रहे हैं। भारत इस परिषद का ऑब्ज़र्वर है और इसके साथ कार्य करने के लिए काफी सक्रियता से देख रहा है।
दूसरे दौर की स्विट्जरलैंड की यात्रा की शुरुआत 11 सिंतबर से होगी। राष्ट्रपति स्विट्जरलैंड के समकक्षी और देश के कैबिनेट के साथ व्यापक स्तर की चर्चा करेंगे। एक भारतीय कारोबारी प्रतिनिधि समूह भारत-स्विस कारोबारी समूह में स्विस समकक्षी के साथ बातचीत करेंगे।
भारत और स्विट्जरलैंड के बीच सामरिक आर्थिक और व्यापारिक संबंध है। इस मंच का मकसद सम्बंधो को आला स्तर पर ले जाना है। भारत और स्विट्जरलैंड की नई साझेदारी की थीम पर चर्चा के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ बर्न में आमंत्रण पर राष्ट्रपति संबोधित करेंगे।
स्लोवेनिया की अंतिम यात्रा की शुरुआत 15 अगस्त को होगी और राष्ट्रपति की यह इस देश मे पहली यात्रा होगी। यात्रा के दौरान कोविंद अपने स्लोवेनिया के समकक्षी के साथ व्यापक स्तर की चर्चा करेंगे। वह राष्ट्रीय असेंबली के अध्यक्ष डेजन ज़िदनाम से भी मुलाकात करेंगे।