रविवार के दिन, मुंबई में रह रहे उत्तर भारतीय लोगो के संगठन “उत्तर भारतीय मंच” की तरफ से आयोजित की गयी रैली में ‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना‘ के अध्यक्ष राज ठाकरे ने पहली बार हिंदी में भाषण देते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश और बिहार से आये हुए लोगो को अपने अपने राज्य के नेताओ से सवाल करना चाहिए कि उनके राज्य में विकास इतना पिछड़ा क्यों है।
उनके अनुसार, “उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने देश को कई प्रधानमंत्री दिए हैं, यहाँ तक कि वर्तमान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बनारस से सांसद हैं। आपमें में से कभी किसी ने नहीं पूछा कि राज्य औद्योगीकरण में क्यों इतना पीछे चल रहा है और क्यों वहां कोई नौकरी नहीं हैं।”
भूतकाल में, ठाकरे ने ये निश्चित किया था कि वे रैलियो में हमेशा मराठी में ही भाषण देंगे। वे किसी और भाषा में मीडिया से बहुत ही कम बात किया करते थे। मगर इस बार उन्होंने ये भाषण हिंदी में दिया क्योंकि वे चाहते थे कि उनकी बात बड़ी आबादी के लोगो तक पहुंचे।
“मुंबई में ज्यादातर प्रवास उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड और बांग्लादेश से हुआ है। मैं सिर्फ यही चाहता हूँ कि अगर लोग महाराष्ट्र में आजीविका के लिए आ रहे हैं, तो उन्हें स्थानीय भाषा और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए।”
गुजरात में एक बच्ची के रेप के बाद भड़की आग में बिहार से आये हुए कई प्रवासियों के ऊपर हमला हुआ था। इसी पर बात करते हुए ठाकरे ने कहा-“जब भी मैं कोई कदम उठाता हूँ जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश और बिहार से जुड़े लोगो से मतभेद होता है तो सारे लोग मुझपर चढ़ जाते हैं। मगर गुजरात में हाल ही में हुए दंगो के बाद, किसी ने भी सत्ताधारी पार्टी या देश के प्रधानमंत्री(जो खुद गुजरात के निवासी हैं) से सवाल नहीं किया।”
“ऐसा ही विरोध असम और गोवा में भी देखा गया था मगर उन मुद्दों को कभी मीडिया में नहीं दर्शाया गया। लेकिन मेरे आन्दोलन को हमेशा ऐसी तोड़ मरोड़ के दिखाया जाता है। मैं चाहता हूँ कि गरीब राज्य भी समर्द्ध करें। मगर अपने नेताओ से सवाल करने के वजाय ज्यादातर लोग मुंबई भाग आते हैं। शहर के आधारिक संरचना पर दवाब बढ़ रहा है।अगर स्थानीय लोगो के अधिकारों पर बाहरवालो की तरफ से हमला होगा तो मतभेद तो निश्चित ही हैं ना।”
हम आपको बता दें कि राज ठाकरे वही इंसान हैं जिनकी पार्टी ने 2008 में, मुंबई में हिंसक तरीके से उत्तर भारतीयों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।