भारतीय जनता पार्टी लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। उच्च सदन की सदस्यता के लिए हुए चुनावों में मध्य प्रदेश से भाजपा के संपतिया उइके निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। वह राज्यसभा में दिवंगत भाजपा नेता और कैबिनेट मंत्री अनिल दवे की जगह लेंगे। दवे का इसी साल मई में निधन हो गया था। उइके के राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद भाजपा सदन के निम्न सदन लोकसभा के बाद अब उच्च सदन राज्यसभा में भी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। अब भाजपा के राज्यसभा सदस्यों की संख्या बढ़कर 58 हो गई है और उसने 57 सदस्यों वाली कांग्रेस को पीछे दूसरे नंबर पर धकेल दिया है। आने वाले दिनों में गुजरात और पश्चिम बंगाल में राज्यसभा चुनाव होने हैं। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का दबदबा है वहीं गुजरात में भाजपा का। पश्चिम बंगाल में राज्यसभा की 6 और गुजरात में 3 सीटों के लिए मतदान होगा। गुजरात से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का निर्वाचन पक्का है वहीं दिग्गज कांग्रेसी नेता अहमद पटेल के खिलाफ बलवंत सिंह राजपूत की दावेदारी भी मजबूत नजर आ रही है। मुमकिन है भाजपा तीनों सीटों पर जीत हासिल कर ले।
अगले वर्ष अप्रैल में उत्तर प्रदेश में भी राज्यसभा चुनाव होने है और वहाँ राज्यसभा की 9 सीटें खली हो रही हैं। भाजपा उत्तर प्रदेश में सत्ताधरी दल है और उम्मीद है कि 9 में से 8 सीटें भाजपा जीत ले। ऐसे में भाजपा राज्यसभा में और मजबूत हो जाएगी। बिहार में नीतीश कुमार के भाजपा से गठबंधन करने के बाद राज्यसभा में भी भाजपा को इसका फायदा मिलना तय है। वर्तमान में राज्यसभा में जेडीयू के 10 सांसद हैं पर शरद यादव, अली अनवर और बिरेन्द्र कुमार की बगावत के बाद यह संख्या घटकर 7 हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि जेडीयू के ये नाराज सांसद शरद यादव के नेतृत्व में नई पार्टी का गठन कर सकते है। इनके लालू प्रसाद यादव के आरजेडी के साथ भी जा मिलने की सम्भावना है। इसके अलावा एआईएडीएमके एनडीए में भाजपा का नया सहयोगी दल बन सकता है। आगामी कुछ दिनों में इसके भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने की सम्भावना है। ऐसी स्थिति में भाजपा को राज्यसभा में और मजबूती मिलेगी। एआईएडीएमके भाजपा और कांग्रेस के बाद तीसरा सबसे बड़ा दल है। राज्यसभा में इसके 12 सांसद हैं। अभी तक महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में भाजपा को एआईएडीएमके की मदद लेनी पड़ती थी पर अब एनडीए में शामिल होने के बाद उसे राज्यसभा में विधेयक पारित कराने में आसानी होगी। एआईएडीएमके अभी तक अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का समर्थन करती थी पर अब वह आधिकारिक रूप से भाजपा के साथ आ जाएगी।