1984 के सिख विरोधी दंगों से बचे लोगों ने बुधवार को राजीव चौक के साइनबोर्ड पर काले पेंट का छिड़काव कर राजीव चौक का नाम बदलने की मांग की है जिसे पहले कनॉट प्लेस के रूप में जाना जाता था। वो चाहते हैं कि इस चौक का नाम क्रांतिकारी नेता शहीद भगत सिंह के नाम से जाना जाए।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के खिलाफ नारे लगाने वाले विरोध प्रदर्शनकारियों ने साइनबोर्ड को जूते और चप्पल की माला भी पहना दी है।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने इस संबंध में पुलिस से संपर्क किया। डीसीपी मधुर वर्मा के मुताबिक, “एनडीएमसी की तरफ से दर्ज़ की गयी शिकायत के आधार पर सार्वजनिक संपत्ति को ख़राब करने का मामला दर्ज कर लिया गया है।”
इस घटना के एक दिन पहले, अकाली दल के नेताओं द्वारा लुधियाना में पूर्व प्रधानमंत्री की प्रतिमा के साथ बर्बरता की गई थी। आरोपियों ने 1984 के दंगो में कांग्रेसी नेताओं के हाथ होने के आरोप लगाये और प्रतिमा के चेहरे पर काला पेंट कर दिया था और हाथो को लाल रंग से पेंट किया था। उन्होंने कहा कि राजीव गाँधी के हाथ सिखों के खून से रंगे हैं इसलिए उनके हाथों को लाल रंग से पेंट किया गया। आरोपी, देश में जहाँ कहीं भी राजीव गाँधी की प्रतिमा स्थापित है, उसे हटाने की मांग भी कर रहे थे।