राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आज अपनी सरकार का अंतिम बजट पेश कर रही है। राज्य की वित्त विभाग की मुखिया होने की वजह से राजे से जनता को काफी आस लग रही है। लेकिन हालिया उपचुनावों में जनता ने सरकार को जो आईना दिखाया है उससे लगता है कि सरकार आमजन के लिए लोक-लुभावने वाले बजट पेश करने की कोशिश करेगी।
मुख्यमंत्री होने के साथ ही वित्त मंत्रालय का कार्यभार राजे ही संभाल रही है। उपचुनावों की हार ने साबित किया है कि राजे ने पिछल चार सालों में वायदों के सिवाय और कुछ भी नहीं किया है।
इस साल के अंत में राजस्थान में चुनाव होंगे जिसके मद्देनजर राजे सरकार वोट बैंक की खातिर युवाओं व किसानों के लिए बेहतर घोषणाए कर रही है। किसानों, शिक्षकों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और असंतुष्ट बेरोजगार युवाओं को खुश करने के लिए राजे ने घोषणा की है।
राजे ने विधानसभा में बजट 2018-19 पेश करते हुए छोटे व गरीब किसानों के लिए अहम घोषणा की है। राजे सरकार किसानों के 50000 रूपये तक की ऋण को माफ करेगी जिसके लिए सरकार ने 8000 करोड रूपये का फंड बनाया है।
किसानों की ऋण माफी के लिए किसान ऋण राहत आयोग की स्थापना की जाएगी। इसी बीच कांग्रेस ने कहा कि सरकार को किसानों का पूरा ऋण माफ करना चाहिए। राजे ने सभा में आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि करने की घोषणा की है। राज्य परिवहन की बसों में 80 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए मुफ्त यात्रा की घोषणा की है।
जयपुर में ट्रेफिक को कम करने के लिए रामनिवास बाग से दिल्ली रोड तक अंडरपास बनाने की घोषणा की है। इसके अलावा गाय आश्रमों में बायोगैस संयंत्रों की स्थापना की घोषणा की है।
ऋणमाफ़ी
महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बाद राजस्थान तीसरा राज्य बन गया है जहां पर किसानों के ऋण माफी की घोषणा की है। लेकिन राजस्थान में ये घोषणा 50000 रुपये तक की है। इसके लिए कुछ महीनों पहले सीकर में किसानों ने दो सप्ताहों तक जमकर प्रदर्शन भी किया था।
बेरोजगारों युवाओं के लिए राजे ने घोषणा करते हुए प्रदेश में एक लाख नए रोजगार पैदा करने का ऐलान किया है। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में 77 हजार से अधिक पदों पर भर्ती का ऐलान किया है।
उपचुनावों में हार के बाद इस बजट में राजे ने जनता को खुश करने की कोशिश की है। 7 लाख नए घरों को बिजली कनेक्शन देने का भी ऐलान किया है।