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    अमित शाह त्रिपुरा

    इस महीने त्रिपुरा राज्य में चुनाव होने की वजह से राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। साल 2014 से सत्ता में आई बीजेपी अब त्रिपुरा में भी भगवा झंडा लहराना चाहती है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने यहाँ एक रैली को संबोधित किया। शाह नें राज्य की मणिक सरकार पर जमकर निशाना साधा।

    शाह नें त्रिपुरा की कम्युनिस्ट सरकार पर हिंसा की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होनें कहा कि हम इसे विकास की राजनीति में बदलना चाहते है। पिछले 25 साल में कम्युनिस्ट कुशासन के कारण त्रिपुरा विकास सूचकांकों पर अंतिम स्थान पर रहा है। शाह ने दावा किया कि राज्य में बेरोजगारी बढ़ रही है। साथ ही कानून और व्यवस्था की स्थिति भी बेहद दयनीय है।

    अमित शाह ने यहाँ कहा कि राज्य में अगली सरकार बीजेपी ही बनाएगी। उनके मुताबिक पूरे राज्य में सीपीआई (एम) के खिलाफ जनता के मन में गुस्सा है। मोदी सरकार ने त्रिपुरा की जनता के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत बहुत सारा धन जारी किया है। इसके बावजूद सीपीआई सरकार ने कोई भी विकास कार्य नहीं किया है। इस वजह से यहाँ के लोग केन्द्र की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित हो रहे है।

    त्रिपुरा की मणिक सरकार पर साधा निशाना

    गौरतलब है कि इस महीने में त्रिपुरा की 60 सीटों में चुनाव होने वाले है। इसके लिए बीजेपी ने लुभावना घोषणा पत्र भी जारी किया है। अमित शाह ने राज्य की मणिक सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यहां के अधिकारियों को कम्युनिस्ट पार्टी के दबाव में रहकर काम करना पड़ता है। राज्य में बीजेपी कार्यकर्ता का मुद्दा उठाते हुए शाह ने मणिक सरकार को घेरने का प्रयास किया।

    शाह ने कहा कि यहां की कम्युनिस्ट पार्टी सत्ताधारी होने की वजह से हमारे कार्यकर्ताओं पर हमले कर रहे है। यहां के अधिकारियों पर भी दबाव बना रहे है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में स्टालिन और लेनिन की जयंती मनाई जाती है, लेकिन टैगोर और विवेकानंद की नहीं मनाई जाती है।