2 फरवरी की शाम से ही करणी सेना के कार्यकर्ता खुशी में झूम रहे हैं। राजस्थान में बिल्कुल दिवाली का माहौल बन गया है। पटाखों से और हो-हंगामे से राजपूतों की नगरी पट गई है।
ऐसा इसलिए नही हो रहा क्योंकि पद्मावत बैन कर दी गई है या केंद्र की बीजेपी सरकार ने इन राजपूत सुरमाओं को बजट में कोई विशेष छूट दी है, जिससे उनके घायल अहम को थोड़ी राहत मिले। इस खुशी की वजह है ‘हार’ या पराजय।
जी हाँ, बीजेपी को राजस्थान चुनाव में तीनों सिटों पर हार मिली है। पीछले हफ्ते हुए राजस्थान के विधानसभा और लोकसभा की तीन सिटों पर हुए चुनावों में बीजेपी को भारी मतों का नुकसान उठाना पड़ा है। नतीजा यह हुआ कि सारी सिटें कांग्रेस के खाते में गई।
करणी सेना और उसके जैसे बाकी संगठनों का मानना है कि, केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार ने राजपूतों को पद्मावत मामले में ‘धोखा’ दिया था और उन्हें इसक परिणाम पराजय से मिला।
श्री राजपूत करणी सेना के एक कार्यकर्ता ने कहा कि, “विधानसभा उपचुनावों में बीजेपी की हार उसकी अपनी करनी के कारण हुई है। सरकार ने राजपूतों की भावनाओ और परंपराओं से धोखा किया।”
श्री राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ता हाथों में पत्थर और डंडे लिए कई महिनों से सड़को पर हैं।
करणी सेना ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा कि, “भंसाली का साथ देना बीजेपी को बहुत महंगा पड़ा। विधानसभा उपचुनाव में तीनों सिटें उनकी झोली में नही आई।”
भंसाली की फिल्म पद्मावत का करणी सेना और इसके जैसे अन्य संगठनों ने खुब विरोध किया था। उनका कहना था कि पद्मावत में उनके इतिहास के साथ छेड़खानी की गई है।
फिल्म को बैन करवाने के लिए इन संगठनो ने जमीन आसमान एक कर दिया था। सड़क पर विरोध से लेकर सिनेमाघरों मे हमले तक सब किए।
इन संगठनों को राजनीतिक समर्थन भी खूब मिला लेकिन अंत में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दे दी गई।