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    deen dayal upadhyay

    राजस्थान में सरकार बदलने के साथ ही पूर्ववर्ती सरकार के फैसलों को नयी सरकार द्वारा पलटना भी जारी है। राजस्थान सरकार ने दिसंबर 2017 के एक सर्कुलर को वापस लेने का आदेश जारी किया है, जिसमें राज्य की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने सभी विभागों, बोर्डों, निगमों और स्वशासी संगठनों को अपने लेटर पैड में दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर लगाने का निर्देश दिया था।

    राज्य में नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार ने पिछले हफ्ते अपनी पहली कैबिनेट बैठक में उपाध्याय की तस्वीर को लेटर पैड से हटाने का फैसला किया था और राज्य मुद्रण और स्टेशनरी विभाग ने बुधवार को इस सम्बन्ध में एक आदेश जारी किया।

    विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रविशंकर श्रीवास्तव ने आदेश में कहा, “दीनदयाल उपाध्याय की तस्वीर को हटाने के लिए कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है।”

    राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने 11 दिसंबर 2017 को सभी विभागों, संस्थानों, बोर्डों और निगमों और सभी सरकारी दस्तावेजों को अपने लेटर पैड पर पंडित दीन दयाल उपाध्याय की तस्वीर लगाने का आदेश जारी किया था।

    दीन दयाल उपाध्याय सन 1953 से 1968 तक भारतीय जनसंघ के नेता रहे इसलिए भारतीय जनता पार्टी के लिए उनका विशेष महत्त्व है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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