राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्री पद बंटवारे को लेकर सरकार में दरार की अटकलों को खारिज कर दिया और कहा कि बंटवारा बिलकुल सही तरीके से किया गया है और सभी ने इसका स्वागत किया है।
बुधवार को रास्थान मंत्रिमंडल में मंत्री पदों का बंटवारा किया गया। मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने पास गृह और वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभागों के साथ 9 मंत्रालय रखें है। उन्होंने कहा कि नया मंत्रिमंडल की पहली बैठक 28 दिसंबर को होगी।
उन्होंने कहा “हमने अच्छी तरह से सोच समझ कर निर्णय लिया है, जिसका लोगों ने स्वागत किया है।”
मुख्यमंत्री ने कैबिनेट गठन में देरी के आरोप को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “मंत्रिमंडल के गठन में दो-तीन दिन लगते हैं और राज्य में दो दिनों के भीतर ही मंत्रियों को उनके विभाग सौंप दिए गए। अब हम सुशासन प्रदान करेंगे, कानून और व्यवस्था में सुधार करेंगे और युवाओं की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करेंगे, जो हमारे सामने कुछ बड़ी चुनौतियां हैं।”
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उपमुख्यमंत्री पायलट को पीडब्लूडी, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और सांख्यिकी विभागों का प्रभार सौंपा गया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा, “लोगों ने जनादेश दिया और अब सरकार सुशासन देगी। हम सामूहिक नेतृत्व में काम करेंगे। हमारा एक संतुलित कैबिनेट है जिसमे नए, युवा और अनुभवी सदस्य एक साथ है।”
सूत्रों के अनुसार गहलोत को 2019 के आम चुनाव के समीकरणों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान का प्रभार दिया गया था, जिसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है।
गहलोत ने आशा व्यक्त की कि भाजपा विरोधी गठबंधन की औपचारिक घोषणा जल्द ही होगी। उन्होंने कहा, “अगर यह सरकार फिर से आती है, तो देश, देश के लोकतंत्र और उसके संविधान के लिए खतरा है। सभी विपक्षी दल इसे महसूस करते हैं और हमें उम्मीद है कि ‘महागठबंधन’ जल्द ही बनेगा और सफल होगा।”