राजस्थान सरकार ने हाल ही में राज्य में अन्य पिछड़ी जातियों के आरक्षण को 21 फीसदी से से बढ़ाकर 26 फीसदी करने की घोषणा की थी। इसपर राजस्थान हाई कोर्ट ने इस बिल पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एक केस दाखिल किया था, जिसमे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।
आज सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार की दलीलों को मानते हुए हाई कोर्ट के रोक लगाए जाने वाले फैसले को रद्द कर दिया।
OBC Reservation Bill: Supreme Court accepted Rajasthan Govt's submission that a court cannot stop a legislative process, setting aside Rajasthan High Court's order.
— ANI (@ANI) November 15, 2017
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को यह आदेश दिए है कि कुल आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ऊपर नहीं जानी चाहिए।
OBC Reservation Bill: Supreme Court also clarified that the state will not cross 50% of reservation until the writ petition is decided by High Court.
— ANI (@ANI) November 15, 2017
राजस्थान सरकार ने इससे पहले कुल आरक्षण को 48 फीसदी से बढ़ाकर 54 फीसदी कर दिया था।
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सरकार ने अन्य पिछड़ी जातियों जिनमे गुज्जर/गुर्जर, बंजारा/बालड़ीआ/लबाना, गड़िआ/लुहार/गडालिया, राइका/रेबारी और गडरिया के आरक्षण को 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत करने का फैसला किया था।
वसुंधरा सरकार के इस फैसले की चारों और निंदा की गयी थी।
इस साल के मई महीने में राजस्थान सरकार ने फिर से गुर्जर आरक्षण का बिल संसद में आगे बढ़ाया था। इस दौरान सरकार ने कहा था कि ओबीसी आरक्षण इसलिए बढ़ाया जा रहा है क्योंकि राज्य में ओबीसी वर्ग के लोगों की जनसंख्या बढ़ रही है।