भाजपा नेतृत्व ने शुक्रवार को कोर्ट में दोबारा अपनी प्रस्तावित रथयात्रा के अटक जाने के बाद एक आपातकालीन मीटिंग बुलाया ताकि आगे की रणनीतियों पर चर्चा की जा सके। पार्टी सूत्रों ने कहा कि राज्य और केंद्रीय स्तर के नेता मीटिंग में शामिल थे। गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को रद्द कर दिया जिसमे भाजपा को राज्य में तीन रथयात्रा निकालने की मंजूरी दी गई थी। डबल बेंच ने सिंगल बेंच को फिर से इस फैसले पर विचार करने को कहा है।
पार्टी के नेताओं ने कहा कि वे ‘यात्रा’ पर उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो अनुमति के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख करेंगे। राज्य भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने बैठक से पहले पार्टी कार्यालय में प्रवेश करते हुए कहा, “टीएमसी बीजेपी से डरती है।”
उन्होंने कहा, “हम अदालत के फैसले का इंतजार करेंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। राज्य सरकार इस धारणा के आधार पर रथ यात्रा को रोकने की कोशिश कर रही है कि इससे समस्याएं पैदा हो सकती हैं।”
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो न्याय मांगने के लिए पार्टी उच्चम न्यायालय का रुख करेगी। भाजपा सूत्रों के अनुसार, फिलहाल पार्टी राज्य सरकार के ‘यात्रा’ की अनुमति नहीं देने के फैसले के खिलाफ राज्य के विभिन्न हिस्सों में रैलियों का आयोजन करेगी।
डबल बेंच के नए आदेश के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की रथ यात्रा पर एक बार फिर से अनिश्चितता के बादल छा गए हैं। भाजपा ने राज्य में तीन “लोकतंत्र बचाओ” रथयात्रा की योजना बनाई है: एक रथयात्रा राज्य के उत्तरी हिस्से में कूच बिहार से, एक दक्षिणी भाग में काकद्वीप से और एक और बीरभूम जिले के तारापीथ मंदिर से शुरू होगी जो कलकत्ता में आ कर एक साथ मिल जायेगी और फिर वहां भाजपा के बड़े नेता बड़ी रैली को संबोधित करेंगे।
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