दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में खेले गए रणजी ट्रॉफी मैच में दिल्ली की टीम ने मध्य प्रदेश को नौ विकेट से मात देकर सीजन की पहली जीत दर्ज की है। दिल्ली की इस जीत में विकास मिश्रा जीत के हीरो रहे है। उन्होने दूसरी इनिंग में मध्य प्रदेश के 6 विकेट चटकाए थे। 25 साल के विकास मिश्रा ने पहली इनिंग में भी छह विकेट चटकाए थे। उनकी यह अब तक की उनके करियर की सर्वक्षेष्ठ गेंदबाजी थी। उन्होने इस मैच में दोनो इनिंगो में कुल मिलाकर 71 रन देकर 12 विकेट चटकाए है।
दिल्ली की टीम को जीत के लिए 29 रनो का लक्ष्य मिला अगर वह बिना विकेट खोए इस लक्ष्य को हासिल कर लेते तो उनको बॉनस प्वाइंट मिलता लेकिन कुणाल चंढीला 6 रन बनाकर आउट हो गए थे। उसके बाद बल्लेबाजी करने आए ध्रुव शोरे ने 4 और ओपनर बल्लेबाज हितेन दलाल ने 15 रन बनाकर टीम को जीत दिलवायी। दिल्ली अब अपने घर से दूर बंगाल से 30 दिसम्बर को मैच खेलेगी।
मिश्रा ने 12 विकेट लेने के बाद कहा ” सीजन के शुरुआत में मैं तेज गेंदबाजी करता था लेकिन फिर मुझे कोच से थोड़ी आराम से गेंदबाजी करने की सलाह मिली और मैंने थोड़ी आराम से गेंदबाजी करनी शुरु की। जिससे बल्लेबाजो को उलझन का सामना करना पड़ा कि उन्हें फॉर्वर्ड में खेलना चाहिए या बैकफुट पर। एक समय मध्य प्रदेश का 83 रन तक कोई विकेट नही गिरा था। जिसमें अयुष्मान बिरला 32 और आनंद बाईस ने 46 रन बनाए थे। लेकिन दिल्ली की टीम को पहली सफलता कुलवंत खिजरोलिया ने दिलवायी।
मध्यप्रदेश के बल्लेबाज उसके बाद दोबारा दूसरी इनिंग में मिश्रा की गेंदो का शिकार हुए। जो मध्य क्रम में गेंदबाजी करने को आए थे। मिश्रा ने ही इस मैच में 30 रन देकर 6 विकट चटकाए बल्कि मध्यप्रदेश के बल्लेबाजो को शिवम शर्मा की फिर्की भी समझ नही आयी। शिवम शर्मा ने दूसरी इनिंग में 52 रन देकर तीन विकेट चटकाए थे।
मध्य प्रदेश की तरफ से रजत पाटीदार ने 21, कप्तान नमन ओझा ने 22 और यश दुबे ने 15 रन बनाए थे। इन तीनो बल्लेबाजो को अच्छी शुरुआत मिली लेकिन जिस प्रकार के बल्लेबाजी की मध्यप्रदेश को जरूरत थी वह उस प्रकार प्रदर्शन नही कर पाए।
ओझा और दुबे को आउट करने के बाद मिश्रा ने लोवर ऑर्डर में आवेश खान का विकेट चटकाया।
एमपी के कप्तान नमन ओझा ने कहा, “पिच की शुरुआत शानदार नहीं थी लेकिन स्थानीय क्यूरेटर ने शानदार काम किया जो मैच तीसरे दिन चाय तक चला। शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि यह दो दिन में खत्म हो सकता है।”
ओझा ने कहा, “जब दिल्ली 36 रन पर थी, तब हमने 5 विकेट की बढ़त हासिल कर ली थी। लेकिन अवेश खान के अलावा कोई गेंदबाज विकेट नही ले सका। अवेश अब भारत के लिए खेलने के लिए तैयार हैं, क्योंकि उनके पास गति के साथ-साथ विविधता भी है।”