पूर्व कप्तान विनय कुमार ने रणजी ट्रॉफी के क्वार्टरफाइनल मुकाबले में राजस्थान के खिलाफ पहली इनिंग में नाबाद 83 रन की पारी खेली और आखिरी विकेट के लिए रोनित मोरे (10) के साथ महत्वपूर्ण 97 रनो की साझेदारी की। जिसकी बदौलत कर्नाटक की टीम पहले इनिंग में 39 रन की लीड लेने में कामयाब रही।
कर्नाटक की टीम ने पहली इनिंग में 263 रन बनाए, और राजस्थान के ऊपर इस सीजन में पहली बार लीड बनाई। कर्नाटक की टीम एक वक्त 166 रन पर 9 विकेट हो गए थे औऱ टीम बहुत संघर्ष कर रही थी लेकिन विनय कुमार और मोरे ने टीम को डूबने से बचाया। अपनी 144 गेंदो की पारी मे विनय ने 10 चौके और 2 छक्के लगाए, वही उनके साथी मोरे ने 59 गेंदो का सामना कर के (10) रन बनाए और विनय कुमार का पूरा साथ दिया।
राजस्थान की टीम अपनी पहली पारी में 224 रन ही बना पायी थी, जिसमें कप्तान महिपाल लोमोर ने 50 और राजेश बिशनोई ने 79 रन की पारी खेली थी। जब दूसरे दिन के खेल का अंत हुआ तो, राजस्थान की टीम 28 रन से पीछे चल रही थी, अमित कुमार गौतम और चेतन बिष्ट क्रीज पर थे और टीम ने बिना विकेट के नुकसान में 11 रन बना लिए थे।
राजस्थान की तरफ से राहुल चाहर ने बेहतरीन गेंदबाजी की थी औऱ उन्होने 93 रन देकर 5 विकेट चटकाए थे। बाएं हाथ के टीएम-उल-हक और राइट आर्म मिडयम दीपक चाहर को 3 और 2 विकेट मिले।
बिना किसी नुकसान के 12 रन बनाकर सलामी बल्लेबाज डीगा निश्चल (6) को दीपक चाहर ने सस्ते में आउट कर दिया। उसके बाद रविकुमार समर्थ का विकेट गिरने के बाद कर्नाटक के 61 रन पर दो विकेट हो गए थे। राजस्थान के गेंदबाजों की अगुवाई में हक और राहुल चाहर के नेतृत्व में, कर्नाटक के बल्लेबाजो को गहराई में डाल दाल दिया था।
मेजबान टीम कर्नाटक ने 105 रन बनाते-बनाते अपने 7 विकेट गवा दिए थे। कृष्णमूर्ति सिद्दार्थ ने टीम के लिए 81 गेंदो में 52 रन की पारी खेली थी। वही श्रेयस गोपाल ने भी टीम के लिए 75 गेंदो में अहम 25 रन की पारी खेली थी।