कैथोलिक चर्च के सबसे दिग्गज हस्तियों में से एक पादरी कार्डिनल जॉर्ज पल को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न के एक चर्च में 13 वर्ष के दो बच्चों के यौन शोषण के आरोप में दोषी पाया गया है। इन बच्चों का शोषण की घटना दिसंबर 1996 और फरवरी 1997 में हुई थी।
पहली घटना में पेल ने दोनों बच्चों को चेंज रूम में वाइन को पीते हुए पकड़ लिया था। उन्हें इस घटने का खुलासा करने की धमकी दी और किया था। साल 1997 में बच्चे ने पादरी द्वारा यौन शोषण को कबूल कर लिया था। इस मामले की शिकायत साल 2015 में पुलिस में की गई थी।
इसमें एक बच्चे की मौत कई सालों पूर्व होने की पुष्टि की गई थी। 11 दिसंबर को ज्यूरी ने पेल को पांच अपराधों का दोषी करार दिया था। इसमें 16 साल से कम उम्र के बच्चे का शोषण भी शामिल है। लेकिन मीडिया को अभी तक इस फैसले को न प्रकाशित करने का आदेश दिया गया है।
अदालत में पेल के खिलाफ सबूतों को पेश किया गया था। बुधवार को उनकी जमानत पर रोक लग जाएगी। हाल ही में पादरियों द्वारा बाल यौन शौषण की खबरें आई हैं। बीते वर्षों में चर्च में बच्चों के साथ यौन शोषण और नन व महिलाओं के यौन उत्पीड़न की खबरों से विश्व में क्रोध का माहौल है।
हाल ही में पॉप फ्रांसिस बच्चों के यौन शोषण की परेशानी से निपटने के लिए आयोजित सम्मलेन में बिशपों को सम्बोधित कर रहे थे। पॉप फ्रांसिस ने कहा कि “हमारे काम ने दोबारा हमने बच्चों के यौन शोषण की बुराई का अहसास कराया है। यह बुराई सभी संस्कृतियों और समाजो का हिस्सा रही है।” बच्चों के यौन शोषण की तुलना नरबलि से करते हुए उन्होंने कहा कि “मुझे क्रूर धार्मिक परम्पराओं के बाबत स्मरण है, जो कभी समाज का हिस्सा थी, नरबलि की प्रथा। जो गैर ईसाई धर्म में अधिकतर होती थी। जो पादरी बच्चों को शिकार बनाते हैं, वे शैतान का रूप है। इस बुराई पर ध्यान देना हमारी जिम्मेदारी है।”