उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राज्य की क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि बुलंदशहर हिंसा एक राजनितिक साजिश थी, जो अपनी राजनितिक जमीन गँवा चुके लोगों द्वारा की गई थी।
विधानसभा के दोनों सदनों में भरी हंगामा देखने को मिला। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने कई मुद्दों पर नारे लिखे बैनर लहराए, जिसमे किसान समस्या, क़ानून व्यवस्था की समस्या प्रमुख थी। भरी हो हंगामे के कारण विधान सभा की कार्यवाही बार बार स्थगित करनी पड़ी।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा स्थगित होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “3 दिसंबर को बुलंदशहर में भड़की हिंसा एक राजनितिक साजिश थी, जिसे राज्य में राजनितिक जमीन गँवा चुके लोगों ने अंजाम दिया था।”
“ये एक राजनितिक साजिश थी, जिसे सामने लाया जा चूका है। हर कीमत पर राज्य में शांति व्यवस्था को बरक़रार रखा जाएगा। सरकार और प्रशासन ने कठोर कदम उठा कर इन साजिशों पर रोक लगाया है। साजिश में शामिल कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।”
19 दिसंबर को एक कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिन लोगों कि विश्वसनीयता समाप्त हो चुकी है वो अपनी राजनितिक जमीन बचाने के लिए एव्क दुसरे के गले मिल रहे हैं।
बुधवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन था। पहले दिन की कार्यवाही पूर्व मुख्यमंत्री एन डी तिवारी और केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार कि मौत के बाद श्रधांजलि दे कर स्तगित कर दिया गया था। दुसरे दिन बुधवार को सरकार ने भारी हंगामे के बीच अनुपूरक बजट को पेश किया और मंजूरी दी।