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    योगी आदित्यनाथ

    देश में अच्छे दिन पर फ़िलहाल विवाद जारी है। इस मुद्दे पर लोगों की राय अलग अलग है। किसी को अच्छे दिन दिखाई दे रहे है तो कोई अभी भी अच्छे दिनों के इंतजार में बैठा है। वहीं समाज का एक तबका ऐसा भी है जो अच्छे दिन को मात्र एक जुमलेबाजी मानता है।

    खैर इस मुद्दे पर कुछ कहना मुश्किल है लेकिन यूपी में नेताओं के अच्छे दिन आ गए है, इसमें कोई दो राय नहीं है। योगी सरकार ने फैसला किया है कि नए साल पर कुल 20 हजार नेताओं पर लगे तमाम केसों और मुकदमों को वापस लिया जाएगा। सरकार का यह फैसला दागी नेताओं के लिए नया साल मुबारक है।

    इन मुकदमों में ऐसे मुकदमे भी शामिल है जो राजनैतिक चरित्र से जुड़े हुए है। यह फैसला कोई हवा हवाई फैसला नहीं है। बल्कि इस दिशा में योगी कैबिनेट पहले ही अपना होमवर्क कर चुकी है। जिन नेताओं को राहत देनी है उनके नामों की लिस्ट तैयार की जा चुकी है।

    योगी सरकार ने यह दावा किया है कि यह फैसला मात्र बीजेपी के नेताओं को फायदा पहुँचाने के लिए नहीं किया गया है बल्कि इसमें सभी दलों के प्रमुख नेताओं को राहत देते हुए उनपर से मुकदमे हटाने का विचार किया जा रहा है।

    सिर्फ राजनीतक मामलों में मिलेगी राहत

    बता दे कि राजनेताओं को भले ही योगी सरकार इस फैसले से नए साल का बोनस गिफ्ट दे रही है लेकिन इसका यह मतलब बिलकुल नहीं कि सरकार अपराधों या अपराधियों को माफ़ करने के मूड में है।

    योगी ने यह साफ़ कर दिया है कि सिर्फ राजनीतिक मामलों में दर्ज मुकदमों को ही हटाया जाएगा। जघन्य और गंभीर अपराधों से जुड़े मामलों में किसी तरह की कोई रियायत नहीं दी जाएगी। योगी ने यह साफ़ कर दिया है कि सिर्फ राजनीतिक मामलों में दर्ज मुकदमों को ही हटाया जाएगा। जघन्य और गंभीर अपराधों से जुड़े मामलों में किसी तरह की कोई रियायत नहीं दी जाएगी।