उत्तर प्रदेश के गोरखपुर व फूलपुर लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनावों के लिए राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी है। इस बार उपचुनावों में समाजवादी पार्टी (सपा) व कांग्रेस अलग-अलग प्रत्याशी उतार रहे है। जिससे निश्चित हो गया है कि इन उपचुनावो में कांग्रेस व सपा गठबंधन के साथ चुनाव नहीं लडेगी। जबकि इससे पहले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस व सपा ने गठबंधन बनाकर चुनाव लडा था।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की दो सीटों के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के अलग-अलग होने से इसका फायदा बीजेपी को मिलता हुआ नजर आ रहा है। बीजेपी ने दावा किया है कि वह अपनी कड़ी मेहनत और ताकत पर निर्भर होकर इन सीटों पर जीत हासिल करेगी।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने गोरखपुर से पार्टी के उम्मीदवार का नाम घोषित कर दिया है जबकि बाद में फूलपुर सीट से भी उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगाई। सपा ने गोरखपुर सीट से प्रवीण निषाद व फूलपुर सीट से नागेन्द्र प्रताप सिंह पटेल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
वहीं कांग्रेस ने दोनों सीटों के लिए अपने प्रत्याशी पहले ही घोषित कर दिए है। पार्टी ने डॉक्टर सुरहिता चटर्जी करीम को गोरखपुर और मनीष मिश्रा को फूलपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किया है।
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके इस सीट से इस्तीफा देने की वजह से गोरखपुर लोकसभा सीट खाली हुई है। वहीं फूलपुर सीट केशव प्रसाद मौर्य के उपमुख्यमंत्री पद संभालने के बाद खाली हुई।
उत्तर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि हम दोनों सीटों पर न केवल जीत हासिल करेंगे बल्कि वोटों के अधिक अंतर से जनता का विश्वास हासिल करेंगे। यूपी में केवल योगी लहर व मोदी लहर है। लोकसभा उपचुनाव के लिए 11 मार्च को मतदान होगा जबकि 14 मार्च को वोटिंग की मतगणनी की जाएगी।