यूक्रेन और रूस के युद्ध के बीच में ऐसी घटना उभर कर आयी है जहाँ एक 11 वर्षीय यूक्रेनी लड़का अपने बलबूते पर 1000 किमी की यात्रा करने के बाद स्लोवाकिया पहुँच गया, उसके हाथ में एक बैकपैक, उसकी मां का दिया नोट और एक टेलीफोन नंबर लिखा था।
११ वर्षीय लड़का दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन के ज़ापोरिज्जिया का रहने वाला था, जहां पिछले हफ्ते रूसी सेना द्वारा कब्जा किए गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीमार रिश्तेदार की देखभाल के लिए बच्चे के माता-पिता को यूक्रेन में ही रहना पड़ा।
एक अविश्वसनीय यात्रा पूरी करने के बाद स्लोवाक पहुंचे नन्हे बहादुर बच्चे की प्रशंसा में स्लोवाकिया के आंतरिक मंत्रालय ने ट्वीट भी किया।
Proud of 🇸🇰 Slovak authorities and volunteers who helped this little hero from #Ukraine 🇺🇦
— Juraj Tomaga (@jurajtomaga) March 8, 2022
रिपोर्ट के अनुसार, लड़के की मां ने उसे उसके रिश्तेदारों को खोजने के लिए ट्रेन से स्लोवाकिया की यात्रा पर भेजा था । उसके पास एक प्लास्टिक बैग, एक पासपोर्ट और मुड़े हुए नोट में एक संदेश था।जब लड़का स्लोवाकिया पहुंचा,तो उसके हाथ में थामे पासपोर्ट और लिखे फ़ोन नंबर की सहायता से ,सीमा पर तैनात अधिकारी राजधानी ब्रातिस्लावा में बसे उसके रिश्तेदारों से संपर्क करने और उसे सही सलामत उनको लौटने में कामयाब हो गए ।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लड़के की मां ने स्लोवाक सरकार और पुलिस को उसकी देखभाल करने के लिए धन्यवाद संदेश भी भेजा है ।
स्लोवाकिया के गृह मंत्रालय ने लड़के की “निडरता और दृढ़ संकल्पता” की सरहाना करते हुए फेसबुक पर एक टिप्पणी भी पोस्ट की।
मंत्रालय ने कहा, “हाथ में एक प्लास्टिक बैग, पासपोर्ट और फोन नंबर लिखा हुआ था, वह पूरी तरह से अकेला आया था क्योंकि उसके माता-पिता को यूक्रेन में रहना पड़ा था।”
“स्वयंसेवकों ने स्वेच्छा से उसकी देखभाल की, उसे एक गर्म स्थान पर ले गए और उसे भोजन और पेय प्रदान किया, जिसे उन्होंने उसकी अगली यात्रा के लिए पैक किया।”
ऐसी घटनाएं मानव को आश्चर्यचकित ही नहीं करती बल्कि हमें भगवान की अध्भुत लीला से अवगत कराती हैं।
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