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    तमिलनाडु के एक 21 वर्षीय युवक ने जॉर्जियाई राष्ट्रीय सेना अर्धसैनिक इकाई के हिस्से के रूप में यूक्रेन के समर्थन में हथियार उठाए हैं। जिसे भारतीय सेना ने दो बार खारिज कर दिया था। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, तेजी से बढ़ते इस संघर्ष में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का छात्र रूसी सेना के खिलाफ लड़ेगा।

    टाइम्स ऑफ इंडिया ने केंद्र और राज्य सरकार को सौंपी गई एक खुफिया रिपोर्ट के हवाले से बताया कि कोयंबटूर में सुब्रमण्यमपलयम के सैनिकेश रविचंद्रन अर्धसैनिक इकाई में शामिल हो गए हैं, जिसमें युद्ध के बीच यूक्रेन के लिए लड़ने वाले वालंटियर शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ दिन पहले कोयंबटूर में उसके माता-पिता से मिलने के बाद खुफिया अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की।

    खुफिया रिपोर्ट ने सैनीकेश की पारिवारिक पृष्ठभूमि, उनके बल में शामिल होने का कारण, आदि के बारे में विवरण साझा किया। टीम का हिस्सा रहे एक पुलिस अधिकारी ने टीओआई को बताया कि सैनीकेश का कमरा सैनिकों की तस्वीरों से भरा हुआ था।

    सैनिकेश के परिवार के अनुसार, उन्होंने विद्या विकासिनी मैट्रिकुलेशन संस्थान में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी। उनके माता-पिता ने कथित तौर पर कहा कि उसने 12 वीं कक्षा के बाद सेना में शामिल होने की कोशिश की थी, लेकिन उसकी ऊंचाई के कारण उसे रिजेक्ट कर दिया गया था। उसने तब यह भी कोशिश की थी कि अगर वह अमेरिकी सेना में शामिल हो सके कथित तौर पर यह संभव न हो सका।

    सितंबर 2018 में, सैनीकेश ने खार्किव में नेशनल एयरोस्पेस यूनिवर्सिटी में एक कोर्स किया और 2023 में उनका पांच साल का कोर्स जुलाई पूर्ण होगा।

    टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, उसके परिवार के सदस्य चिंतित हैं और उन्हें घर लौटने के लिए कहा था, लेकिन उसने मना कर दिया। सैनीकेश के पिता रविचंद्रन ने कहा, उनके लिए यह सहज नहीं हैं इसलिए उनके बेटे के बारे में ना पूछा जाए। परिवार में सैनीकेश के पिता, मां झांसी लक्ष्मी और छोटा भाई सायरोहित हैं।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने राज्य और केंद्र सरकारों के अधिकारियों से मिलने का फैसला किया है और उनसे अपने बेटे को घर वापस लाने का आग्रह किया है।

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