अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प संयुक्त राष्ट्र में इस हफ्ते एक माहौल बनायेंगे और अमेरिकी सरकार ने आग्रह किया कि सफल होने के हर अवसर को वह एक कूटनीति देना चाहते हैं। वांशिगटन और तेहरान के बीच सऊदी अरब की तेल कंपनियों में हमले के बाद तनाव बना हुआ है।
अमेरिका ने तेल कंपनियों पर हुए हमले का आरोप सऊदी अरब पर लगाया था। हालाँकि ईरान ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है। ट्रम्प ने कहा कि “वह ईरान के नेता के साथ मुलाकातों के आयोजन की योजना बना रही है। वह न्यूयोर्क में संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली की 74 वें सत्र में शरीक होंगे।”
अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने कहा कि “ईरान पर अमेरिकी सरकार की नीति जंग को नजरंदाज़ करना है। सऊदी अरब के खिलाफ यमन के हौथी विद्रोहियों के और हमले का भय बरक़रार है। हौथियो ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी लेकिन सऊदी अरब और अमेरिका ने इस हमले के पीछे ईरान पर आरोप लगाया था।”
मंगलवार को डोनाल्ड ट्रम्प संयुक्त राष्ट्र महासभा में वैश्विक नेताओं को संबोधित करेंगे और इसी दिन ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी भी संबोधित करेंगे। सऊदी अरब के प्रमुख तेल सुविधाओं पर ड्रोन और क्रूज से हमला किया था जिससे सऊदी का 50 फीसदी उत्पादन रोक गया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि “ऐसा लगता है कि सऊदी अरब की तेल कंपनियों में ड्रोन हमले के पीछे ईरान का हाथ है। दिखने में ऐसा ही लगता है कि अरामको की कंपनियों में ड्रोन हमले का कसूरवार ईरान है।”
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि “ड्रोन हमले के मामले पर मैं सुरक्षा कारणों को रेखांकित करना चाहता हूँ। हर दिन यमन में बमबारी की जाती है और मासूम नागरिको की हत्या की जाती है। यमन में नागरिको के खिलाफ निरंतर हथियारों के इस्तेमाल से यमन के नागरिक जवाब देने के लिए मजबूर हो गए हैं। यमन के नागरिको को खुद को इस हमले से बचाना है।”