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    शाह महमूद कुरैशी

    पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को कहा कि “संयुक्त अरब अमीरात या कोई भी राष्ट्र अपनी पसंद के देशों के साथ द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध बनाए रखने के लिए स्वतंत्र हैं।”

    उन्होंने कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय संबंध धार्मिक भावनाओं से ऊपर हैं। यूएई और भारत का निवेश के संबंधों का इतिहास है। हालाँकि, मैं जल्द ही यूएई के विदेश मंत्री को भारत प्रशासित कश्मीर की मौजूदा स्थिति के बारे में सूचित करने के लिए एक बैठक करूंगा।” भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूएई के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से नवाजा गया था।

    डॉन न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुरैशी ने कहा कि “अमेरिका कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को इच्छुक था, लेकिन नई दिल्ली वाशिंगटन की मध्यस्थता को स्वीकार करने को तैयार नहीं हुई थी।”

    उन्होंने कहा कि “भारतीय सर्वोच्च न्यायालय को बगैर किसी दखलंदाज़ी के सात याचिकाओं पर निर्णय लेना चाहिए था। अगर भारतीय सर्वोच्च न्यायालय कश्मीर मुद्दे पर अपने फैसले में देरी करता है, तो यह न्याय की हत्या और बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा।”

    कुरैशी ने कहा कि “दुनिया कश्मीर मुद्दे पर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग को बिना देरी किए भारत प्रशासित कश्मीर का दौरा करना चाहिए।”

    पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि “उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार आयोग को एक पत्र लिखा, जिसमें क्षेत्र में स्थिति को देखने और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अपने राजदूतों को कश्मीर भेजने का आग्रह किया है।”

    उन्होंने जोर देकर कहा कि “कश्मीर में बिगड़ती स्थिति पर विचार करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और सभी मुस्लिम राष्ट्रों के प्रमुखों की बैठक होनी चाहिए।”

    कुरैशी ने यह भी दावा किया कि “भारत कश्मीर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं को तैनात करने की योजना बना रहा है, ताकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भारत के फैसलों के पक्ष में झुकाया जा सके। वह 9 सितंबर को जेनेवा में मानवाधिकारों पर आयोजित बैठक शामिल होंगे और वैश्विक स्तर पर कश्मीर की स्थिति के बाबत बतायेंगे। कश्मीरी मुस्लिमो को जुम्मा की नमाज पढने की अनुमति नहीं दी है और न जी ईद के मौके पर जानवरों की कुर्बानी देने की इजाजत दी थी।”

    उन्होंने कहा कि “अभी मलेशिया और सभी इस्लामिक देश पाकिस्तान के रुख का समर्थन कर रहे हैं। ईरानी नेतृत्व ने भी कश्मीरी लोगों के पक्ष में कड़ा रुख अपनाया है। अब तक मैंने कई इस्लामिक देशों के विदेश मंत्रियों से संपर्क किया है और बाकी लोगों के भी संपर्क में हूं। मुझे उम्मीद है कि मुस्लिम दुनिया कश्मीरियों का समर्थन करेगी और भारतीय अत्याचारों को खत्म करने में अपनी भूमिका निभाएगी।”

    कुरैशी ने यह भी कहा कि “वह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 31 अगस्त को उमरकोट जाएंगे और कथित तौर पर हिंदू समुदाय को कश्मीर में हुए अत्याचारों की जानकारी देंगे।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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