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    यमन

    यमन (Yemen) के हौथी विद्रोहियों ने सऊदी अरब (Saudi Arabia) के पश्चिमी प्रान्त असीर में सोमवार रात को सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए ड्रोन हमलो को अंजाम देने की जिम्मेदारी ली है। ईरानी समर्थिती चरमपंथियों ने इसका खुलासा एक न्यूज़ चैनल में किया है। हौथी के अल मशीराह न्यूज़ चैनल ने कहा कि “उन्होंने असीर के खमिस मुशाइत शहर में किंग खालिद एयरबेस को निशाना बनाया था।”

    हालाँकि सऊदी अरब ने इन रिपोर्टों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। सोमवार को हुए हमले की जिम्मेदारी विद्रोहियों द्वारा लेने के बाद सऊदी आक्रमक रवैया अख्तियार कर सकता है। चरमपंथियों ने सऊदी के दक्षिणी सीमा पर स्थित शहरों और ढांचों पर हमले की जिम्मेदारी ली है।

    यमन में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का गठबंधन विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार की मदद करता है। पिछले साल वर्षों से गठबंधन राष्ट्रपति रब्बू मंसूर अली हादी का समर्थन कर रहा है। यमन के विद्रोहियों का देश के अधिकतर भागो पर नियंत्रण है।

    यमन के विद्रोहियों ने 14 सितम्बर को राजधानी सना सहित यमन के अधिकतर उत्तरी भागो पर कब्ज़ा कर लिया था और हादी व उसकी सरकार को रियाद में निर्वासित होने के लिए मज़बूर किया था।

    यमन के विद्रोही समूह हौथी ने बुधवार को दावा किया कि “उनकी सेना ने सीमा पार कर के पड़ोसी मुल्क सऊदी अरब में प्रवेश किया था और 20 से अधिक ठिकानों पर कब्ज़ा कर लिया है।”

    हौथी के अल मासिराह टेलीविज़न चन्नेला ने शुरुआत में जारी रिपोर्ट में बताया था कि हौथी सेना ने सऊदी अरब की नजरान में स्थित कई सैन्य ठिकानो पर हमला लांच किया था। यह इलाका यमन सीमा से सटा हुआ है। हाल ही में सऊदी अरब ने तेल पाइपलाइन पर ड्रोन हमले का ठिकड़ा ईरान के सर पर फोड़ा था और कहा कि यह निशाना तेल सप्लाई की सुरक्षा और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर था।

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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