अमेरिका की सेना ने यमन में अलकायदा के ठिकानों पर बीते हफ्ते सिलसिलेवार छह हवाई हमले किये थे। 1, जनवरी के बाद यमन में यह पहली अमेरिकी एयरस्ट्राइक है। तीन माह पूर्व अमेरिका ने दो हमले किये थे, जिसमे एक में अलकायदा के जमाल अल बदावी की मौत हो गयी थी।
बीते हफ्ते के हवाई हमले अल बायदा में हुए थे। यमन में छिड़े गृह युद्ध का फायदा उठाकर अलकायदा अपने लिए सुरक्षित पनाह लेना चाहता है। इस गृह युद्ध को भड़कने से बचाने के लिए अलकायदा का सफाया करने में अमेरिका जुटा हुआ है।
सीएनएन के मुताबिक अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता लेफ्टिनेनेट कर्नल अर्ल ब्राउन ने बयान में कहा कि “यमन की सरकार के साथ सामंजस्य बैठाकर अमेरिकी सेना आतंकी संगठनों एक्यूएपी एयर आईएसआईएस के खिलाफ आतंक रोधी अभियान चला रही है। ताकि आतंकियों के हमले के प्रयासों, नेटवर्क और क्षेत्र में तिकड़म भिड़ाने को ध्वस्त और रोका जा सके।”
हालिया हवाई हमले में अमेरिका ने हताहतों की संख्या के बाबत कोई जानकारी सार्वजानिक नहीं की है। अमेरिकी सेना ने साल 2017 में यमन में 131 हवाई हमले किये थे और साल 2018 में यह आंकड़ा 36 था। इसमें से अधिकतर अरबी द्वीप में अलकायदा के ठिकानों पर हमला था।
सीआईए ने भी यमन में एक हवाई हमला किया था। अमेरिकी अधिकारीयों ने बीते वर्ष अगस्त में सीएनएन को बताया कि “साल 2017 में सीआईए के ड्रोन हमले से अल कायदा का सीनियर बम बनाने वाला इब्राहिम अल असीरी मारा गया था। यह साल 2009 में ‘अंडरवियर बम’ का साजिशकर्ता था साल 2009 में क्रिसमस डे के दिन इसने फ्लाइट में बम विस्फोट करने की कोशिश की थी।
अरबी द्वीप में अलकायदा के खात्मे के अमेरिका के प्रयास, सऊदी गठबंधन का यमन गृह युद्ध में समर्थन करने के अमेरिकी कोशिशों से अलग है। इस हफ्ते अमेरिकी हाउस ऑफ़ रेप्रेसेंटीव यमन में जारी गृह युद्ध में अमेरिकी सैनिकों की वापसी से सम्बंधित मसौदे पर मतदान कर सकता है। डेमोक्रेट्स नहीं चाहते कि यमन में अमेरिका सऊदी के गठबंधन का समर्थन करे जो ईरान समर्थित हुथी विद्रोहियों से जंग लड़ रहा है।