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    UN secretary general antonio guterres

    नेपेडा, 15 मई (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के सहायक महासचिव और आपातकालीन सहायता उपसमन्वयक उर्सुला मुलर ने बुधवार को म्यांमार के अधिकारियों से संघर्षो की वजह से विस्थापित हुए 270,000 लोगों को मानवीय मदद सुनिश्चित करने और समस्या का समाधान खोजने का आग्रह किया।

    मुलर ने स्वेच्छा से अपने घरों में लौटने के विस्थापितों के अधिकारों पर जोर दिया।

    उन्होंने म्यांमार के छह दिवसीय दौरे की समाप्ति के बाद ट्विटर पर जारी अपने बयान में कहा, “विस्थापितों को सुरक्षा और सम्मान के साथ या फिर उनकी पसंद की अन्य जगहों पर दोबारा बसाना चाहिए।”

    समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, इस अभियान के तहत मुलर ने पश्चिम म्यांमार के रखाइन प्रांत का दौरा किया, जहां 700,000 लोगों को मानवीय सहायता की जरूरत है, जिसमें वर्ष 2012 से शिविरों में रह रहे 128,000 रोहिंग्या और कामान अल्पसंख्यक शामिल हैं।

    संयुक्त राष्ट्र की अधिकारी ने कहा, “हमें रोहिंग्याओं के विस्थापन के मुख्य कारणों के समाधान के लिए साथ मिलकर और ज्यादा करने की जरूरत है।”

    उन्होंने कहा, “शिविरों के बाहर रह रहे मुस्लिम लोग जिनके घूमने-फिरने की आजादी और स्वास्थ्य व शिक्षा तक पहुंच बुरी तरह प्रतिबंधित हैं, वे काफी मुश्किल परिस्थतियों का सामना कर रहे हैं।”

    उन्होंने रखाइन अल्पसंख्यकों के गुरिल्ला समूह-अराकान आर्मी और म्यांमार सेना के बीच बढ़ती हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताई है, जिस वजह से बीते छह माह में 30,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं।

    उन्होंने इसके साथ ही 200,000 लोगों की सहायता के लिए स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा चलाए गए मानवीय सहायता अभियानों की तारीफ की।

    अपने दौरे के दौरान, मुलर ने म्यांमार के सामाजिक कल्याण मंत्री विन म्यात आय और देश की नेता आंग सान सू की से मुलाकात की।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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