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    म्यांमार में बाढ़Villagers use a makeshift raft to cross a flooded area in the Nagaon district, in the northeastern state of Assam, India, June 18, 2018. REUTERS/Anuwar Hazarika

    मानसून की भारी बारिश से म्यांमार में नदियों के जलस्तर में खतरनाक वृद्धि आई है और इसके कारण मजबूरन 18000  लोगो को अपने घरो से शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। आयेयार्वादी और चिन्दविन नदियों से सटे चार शहर खतरे में हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि “हम स्थानीय विभागों के साथ लोगो की मदद कर रहे हैं और भोजन मुहैया कर रहे हैं।”

    म्यांमार में बाढ़ का प्रकोप

    विभाग की डायरेक्टर फ्यू लाइ हटूं ने कहा कि “सोमवार को और लोगो के घरो से विस्थापित होने की सम्भावना है।” अक्टूबर से मई तक के बारिश के मौसम में दक्षिण पूर्वी एशियाई देश में भारी बारिश होती है, इससे देश में बाढ़ आने का खतरा बढ़ जाता है। काचिन राज्य इससे सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, यहाँ से 14000 लोगो को विस्थापित होना पड़ा है।

    मीडिया ने राज्य की राजधनी म्यित्क्यिना में जल में धंसे घरो, बहनों और सड़कों की तस्वीरो को प्रकाशित किया है। पशिमी रखाइन इलाके से 3000 लोगो को बाढ़ के कारण विस्थापित होना पड़ा है। इसमें उन्होंने बीते वर्ष से अराकन आर्मी और सेना के बीच संघर्ष से हजारो विस्थापित नागरिकों को भी शामिल किया है।

    अराकन नेशनल पार्टी के सचिव औंग क्याव ने शिविरों का दौरा किया था और उन्होंने कहा कि “पूरा शिविर बाढ़ से ग्रस्त है और लोगो को तत्काल शिविर और भोजन की जरुरत है।”अधिकतर अंतरराष्ट्रीय सहायता विभागों के लिए म्यांमार ने संघर्ष ग्रस्त इलाकों में जाने पर पाबन्दी लगा रखी है।

    मानवीय मामलो के समन्वयक यूएन दफ्तर ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि “वह सरकार की बाढ़ से निपटने में मदद रहे हैं, जानकी म्यांमार की रेड क्रॉस, सहायता समूह और निजी अनुदानकर्ता भी पीडितो को सहायता मुहैया कर रहे हैं। हम विभागों के साथ बेहद करीबी से कार्य रहे हैं और सरकार की प्रतिक्रिया में सहायता के लिए तैयार है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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