वर्तमान में केंद्र में स्थापित भाजपा की मोदी सरकार को लेकर भारतीय रिज़र्व बैंक के भूत पूर्व गवर्नर विमल जालान ने अपनी मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है।
एक ओर जहाँ जालान ने जीएसटी जैसे वित्तीय सुधारों को लेकर सरकार की प्रशंसा की, वहीं दूसरी ओर किसानों समेत कई मुद्दों पर मोदी सरकार को लपेट लिया है। उन्होने ये सारी बातें मीडिया को दिये गए अपने इंटरव्यू में कहीं हैं।
विमल जालान ने बैंकों के बढ़ते नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) और रुपये की गिरती कीमत को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। जालान के अनुसार इसकी वजह से देश को आर्थिक रूप से बड़ा घाटा हो रहा है।
हालाँकि विमल जालान ने जीएसटी, बैकरप्सी कोड व गैस सब्सिडी में प्रत्यक्ष लाभ हस्तनांतरण योजना के लिए सरकार की तारीफ भी की है।
विमल जालान ने जिन बात पर सबसे ज्यादा चिंता व्यक्त की हैं, उनमें से शासन की असफलता, कई मुद्दों को लेकर लगातार सामने आ रहे नागरिक विरोध व देश में लगातार बढ़ते जा रहे सांप्रदायिक तनाव आदि विषय मुख्य रहे हैं।
साथ ही उन्होने ये भी कहा कि “इसमें कोई शक नहीं है कि कि विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था में तेज़ी के मामले में हमारी विकास दर सबसे अधिक है।”
किसानों के लिए चिंता व्यक्त करते हुए पूर्व गवर्नर ने कहा कि सरकार को किसानों को उनके अनाज के एवज़ में मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर भी एक सावधानीपूर्ण दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होने कहा कि एमएसपी की दर ग्रामीण आँचल के व गरीब किसानों की अनाज़ उत्पादन क्षमता को सीधे तौर पर प्रभावित करती है।
रुपये की गिरती कीमत को लेकर जालान ने कहा कि ‘उन्हें नहीं लगता कि रुपये की गिरती कीमत से देश को फिलहाल परेशान होने की जरूरत है, देश के पास पर्याप्त रूप से संसाधन मौजूद है और देश इस समस्या से जल्द ही उबर कर बाहर आ जाएगा। सरकार रुपये की कीमत को लेकर उचित कदम उठा रही है।’
एनपीए को लेकर विमल जलन ने गंभीर चिंता व्यक्त की है, इसी के साथ उन्होने एयर इंडिया के निजीकरण को लेकर बताया है कि “इस प्रक्रिया में अभी समय लग सकता है।”