रविवार, 3 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन्त्रिमण्डल का विस्तार किया। 3 वर्षों के कार्यकाल में यह मोदी मन्त्रिमण्डल का तीसरा विस्तार है। इस मन्त्रिमण्डल विस्तार में 9 नए चेहरों को जगह दी गई है। मन्त्रिमण्डल के 4 मौजूदा मंत्रियों निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल और मुख़्तार अब्बास नकवी को पदोन्नति देकर कैबिनेट में शामिल किया गया है। वहीं सुरेश प्रभु, उमा भारती और विजय गोयल को पदावनत किया गया है। मन्त्रिमण्डल की फेरबदल में कुल 32 मंत्रियों के पोर्टफोलियो बदले गए हैं। इस मन्त्रिमण्डल विस्तार में एनडीए के किसी भी सहयोगी दल को शामिल नहीं किया गया है। इससे हाल ही में एनडीए में शामिल हुई बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू भी नाराज बताई जा रही है। हालाँकि खुलकर जेडीयू के किसी नेता ने कुछ नहीं कहा है।
छलका केसी त्यागी का दर्द
मोदी मन्त्रिमण्डल में जगह ना मिलने पर जेडीयू सांसद और प्रवक्ता केसी त्यागी का दर्द छलक पड़ा। उन्होंने कहा, “मन्त्रिमण्डल में जगह ना मिलने से हम लोग निराश नहीं हैं। जिस तरह से बिहार में भाजपा और जेडीयू मिलकर सरकार चला रहे हैं उसे देखते हुए हमने उम्मीद की थी कि जेडीयू को भी मन्त्रिमण्डल में शामिल किया जायेगा।” आगे उन्होंने कहा कि जेडीयू को मन्त्रिमण्डल में शामिल ना हो पाने से निराशा नहीं है बल्कि अफसोस है क्योंकि इससे विरोधियों को हम पर तंज कसने का मौका मिल गया है। उन्होंने कहा कि वैसे यह मन्त्रिमण्डल विस्तार पूर्णतः भाजपा का था, जिसमे कुछ मंत्रियों के पद बदले गए और कुछ को पद से हटाया गया लेकिन मन्त्रिमण्डल में शामिल होने के लिए हमारी पार्टी को निमंत्रण नहीं मिला था।
लालू यादव ने कसा था तंज
मोदी मन्त्रिमण्डल विस्तार के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब नीतीश कुमार पर विश्वास नहीं करते। नीतीश कुमार ने अपने ही लोगों के साथ धोखा किया है ऐसे में कोई दूसरा कैसे उनका यकीन कर ले। उन्होंने कहा कि भाजपा ने शपथ ग्रहण समारोह में जेडीयू को आमंत्रित भी नहीं किया था। जेडीयू के कुछ नेताओं ने तो शपथ ग्रहण समारोह के लिए नया कुर्ता-पायजामा भी सिला लिया था लेकिन उन्हें बुलावा ही नहीं मिला।
नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ भाजपा के साथ जाने के बावजूद जेडीयू इस मन्त्रिमण्डल विस्तार का हिस्सा नहीं रही। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने तंज कसते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया था कि खूँटा बदल देने से क्या भैंस ज्यादा दूध देगी?
खूँटा बदलने से क्या भैंस ज़्यादा दूध देगी?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 3, 2017
शिवसेना ने कहा “भाजपा मन्त्रिमण्डल विस्तार”
एनडीए की प्रमुख सहयोगी पार्टी और महाराष्ट्र के विपक्षी दल शिवसेना ने इस मन्त्रिमण्डल विस्तार को “भाजपा का मन्त्रिमण्डल विस्तार” कहा है। शिवसेना सांसद और वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा है कि इस मन्त्रिमण्डल विस्तार में एनडीए की हत्या हुई है। मोदी सरकार अपने कार्यकाल के 3 साल पूरे करने के बाद भी नए-नए प्रयोग कर रही है। पार्टी मुखपत्र सामना में लिखा गया है, 3 साल गुजर चुके हैं जाने कब “अच्छे दिन” आएंगे। लोग अब भी “अच्छे दिन” का इंतजार कर रहे हैं। वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता और शक्ति के लिए भूखी नहीं है। बता दें कि शिवसेना ने मन्त्रिमण्डल विस्तार में अपने लिए 3 मंत्री पदों की मांग की थी।
मोदी मन्त्रिमण्डल में अब भी शामिल हो सकते हैं घटक दल
एनडीए के घटक दल अभी भी मोदी मन्त्रिमण्डल में शामिल हो सकते हैं। घटक दलों को मन्त्रिमण्डल में शामिल ना करने का मुख्य कारण एआईएडीएमके की स्थिति स्पष्ट ना होना है। दिनाकरन गुट की बगावत के बाद तमिलनाडु में एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। जेडीयू ने भी 19 अगस्त को ही एनडीए में शामिल होने की घोषणा की है। ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी सरकार तमिलनाडु में राजनीतिक स्थिरता आने और एआईएडीएमके के एनडीए में शामिल होने के बाद एक और मन्त्रिमण्डल विस्तार कर सकती है। तब तक जेडीयू को साथ आए भी वक्त हो चुका होगा। यह विस्तार गुजरात विधानसभा चुनावों के ठीक पूर्व हो सकता है।