प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल में तीसरी बार अपने मन्त्रिमण्डल में फेरबदल करने जा रहे है। मोदी सरकार के कार्यकाल को 3 वर्ष पूरे हो चुके हैं और मन्त्रिमण्डल में बड़े बदलाव की कवायद शुरू हो चुकी है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते अपना इस्तीफ़ा सौंप चुके हैं और कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी का इस्तीफ़ा भी मंजूर हो चुका है। वहीं जल और गंगा मंत्रालय प्रभारी उमा भारती ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अपने इस्तीफे की पेशकश की है। उनके अतिरिक्त 75 साल की उम्र पार कर चुके उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े ब्राह्मण चेहरे कलराज मिश्र को मन्त्रिमण्डल से ड्रॉप कर राज्यपाल बनाया जा सकता है। हाल ही में उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनाए गए महेंद्र नाथ पाण्डेय ने भी इस्तीफे की पेशकश की है। वहीं जल संसाधन राज्यमंत्री संजीव बलियान की भी मन्त्रिमण्डल से छुट्टी तय है।
विफल रहे मंत्रियों पर गिरी गाज
जिन 6 मंत्रियों की मोदी मन्त्रिमण्डल से विदाई हो रही है उनमें से अकेले कलराज मिश्र ऐसे हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित “रूल 75” की वजह से अपना इस्तीफ़ा सौंपा है। कलराज मिश्र उत्तर प्रदेश में भाजपा के सबसे बड़े ब्राह्मण चेहरे हैं और उनकी जगह महेंद्र नाथ पाण्डेय को भाजपा ने प्रदेशाध्यक्ष बनाकर इसकी भरपाई की है। देश के 6 राज्यों में अभी राज्यपाल की नियुक्तियां होनी हैं और केंद्र सरकार कलराज मिश्र को राज्यपाल बना सकती है। हाल ही उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किए गए महेंद्र नाथ पाण्डेय को भी अपना पद छोड़ना होगा क्योंकि भाजपा में कोई भी व्यक्ति एक साथ दो पदों पर नहीं रह सकता।
कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत उम्मीदें थी पर वह उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके हैं। केंद्र सरकार की कौशल विकास की योजनाएं लगातार विपक्ष के निशाने पर रही हैं। वहीं जल संसाधन और गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती भी उम्मीदों के मुताबिक़ प्रदर्शन नहीं कर सकी हैं। गंगा पुनरुद्धार की योजनाएं पिछले 3 वर्षों में बस कागजों तक ही सिमट कर रह गई हैं। उमा भारती के जूनियर मंत्री संजीव बलियान भी अपने कार्यकाल में प्रभावी नहीं रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते अपने कार्यकाल के दौरान सदन और मंत्रालय की बैठकों में लगातार अनुपस्थित रहे हैं। उनका काम भी अपेक्षानुरूप नहीं रहा है। इस वजह से भाजपा आलाकमान उन्हें भी कैबिनेट से किनारे करना चाहता है।
मन्त्रिमण्डल में बढ़ेगा इन मंत्रियों का कद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिन मंत्रियों के काम से सबसे ज्यादा खुश हैं उनमें भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम शामिल है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “सुपर मिनिस्ट्री” का कांसेप्ट लाकर नितिन गडकरी को “सुपर ट्रांसपोर्ट मंत्री” बना सकते है। वहीं प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान के कामकाज से भी प्रधानमंत्री खुश हैं और कैबिनेट विस्तार में इन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उड़ीसा से आते हैं और उड़ीसा में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों के मद्देनजर धर्मेंद्र प्रधान को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके अतिरिक्त महिला कल्याण मंत्री मेनका गाँधी को भी किसी अन्य मंत्रालय का कार्यभार सौंपा जा सकता है।