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    युवराज सिंह

    2011 क्रिकेट विश्वकप जीतने में अहम भूमिका निभाने वाले स्टार क्रिकेटर युवराज सिंह को प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से एक खत मिला है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैंसर के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए उनकी संस्था यूवीकैन फाउंडेशन की सराहना की है। विश्व के सबसे काबिल वामहस्त बल्लेबाजों में शुमार युवराज सिंह यूवीकैन फाउंडेशन के नाम से एक संस्था चलाते हैं जो कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने और उससे लड़ने में मदद करने का काम करती है। इस संस्था की स्थापना युवराज सिंह ने जुलाई, 2012 में की थी जब वह अमेरिकी अस्पताल में कैंसर से जंग जीतकर वापस भारत लौटे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र के माध्यम से उनकी संस्था के प्रयासों की सराहना की है जिसे उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है।

    यह लिखा है खत में

    युवराज सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाक़ात के दौरान की तस्वीर के साथ इस पत्र को शेयर किया है। इस पत्र में युवराज सिंह की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा है, ” प्रिय युवराज, आपका खत पाकर मुझे बहुत हर्ष हुआ। सामजिक कार्यों के प्रति आपकरे गहरे लगाव और सामजिक कार्यों के लिए आपकी संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकार मुझे बहुत ख़ुशी हुई। आप कैंसर को हराने वाले एक बेहतरीन क्रिकेटर होने के साथ-साथ भारतीयों के लिए एक प्रेरणा भी हो। आप इसी लगन और जज़्बे के साथ आगे भी समाज की सेवा करते रहें।”

    युवराज सिंह
    युवराज सिंह को प्रधानमंत्री कार्यालय से मिला खत

    युवराज सिंह पिछले 17 सालों से भारत के लिए क्रिकेट खेल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने 304 वनडे मैच खेले हैं। युवराज सिंह 2007 के टी-20 विश्वकप और 2011 के वनडे विश्वकप जीतने में अहम भूमिका निभा चुके हैं और दोनों टूर्नामेंटों में वह “मैन ऑफ़ द सीरीज” का खिताब पा चुके हैं। 2007 के टी-20 विश्वकप के दौरान उन्होंने इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड की 6 गेंदों में 6 छक्के लगाए थे और इसके बाद से उन्हें “सिक्सर किंग” कहा जाने लगा था। युवराज सिंह श्रीलंका दौरे पर गई भारतीय टीम का हिस्सा नहीं है पर उम्मीद है कि वह जल्द ही टीम में दोबारा वापसी करेंगे।

    By हिमांशु पांडेय

    हिमांशु पाण्डेय दा इंडियन वायर के हिंदी संस्करण पर राजनीति संपादक की भूमिका में कार्यरत है। भारत की राजनीति के केंद्र बिंदु माने जाने वाले उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले हिमांशु भारत की राजनीतिक उठापटक से पूर्णतया वाकिफ है।मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, राजनीति और लेखन में उनके रुझान ने उन्हें पत्रकारिता की तरफ आकर्षित किया। हिमांशु दा इंडियन वायर के माध्यम से ताजातरीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को आम जन तक पहुंचाते हैं।