केंद्र की सत्ताधारी मोदी सरकार के कैबिनेट में कुछ नए चेहरे दिख सकते हैं। कहा जा रहा है कि यह फेरबदल 4 सितम्बर से पहले हो सकती है। हाल ही में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू एनडीए में शामिल हुई है और तमिलनाडु में एआईएडीएमके के विलय के बाद अब उसके भी एनडीए में शामिल होने के रास्ते खुल गए हैं। अगर ख़बरों पर गौर करें तो जेडीयू के 2 और एआईएडीएमके के 4 सांसदों को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इसके अतिरिक्त भाजपा के कुछ नेताओं को भी मंत्री पद दिए जा सकते हैं।
हो सकती है ‘प्रभु’ की छुट्टी
पिछले 4 दिनों के दौरान हुए 2 रेल हादसों ने देश को हिलाकर रख दिया है। इन दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अपने इस्तीफे की पेशकश की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरेश प्रभु को इन्तजार करने को कहा था। पिछले चार दिनों में देश में दो भीषण रेल हादसे हो चुके हैं। पहले उत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर में उत्कल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से 24 लोगों की मौत हो गयी थी। इसके बाद आज उत्तर प्रदेश के ही औरैया जिले में कैफियत एक्सप्रेस के ट्रक से टक्कर होने से तक़रीबन 74 लोग घायल हो गए हैं। इन दुर्घटनाओं की वजह से रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है।
केंद्र सरकार सुरेश प्रभु के इस्तीफे को मंजूर कर सकती है पर वह इसे रेल हादसों से जोड़कर देखे जाना नहीं चाहती। सुरेश प्रभु मोदी मंत्रिमण्डल के सबसे लोकप्रिय और प्रभावी मंत्रियों में रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार चाहती है कि सुरेश प्रभु का इस्तीफ़ा स्वीकार ना कर वह मंत्रिमंडल में फेरबदल के वक़्त उनका विभाग बदल दे। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट कर कहा- तीन साल से भी कम वक्त के दौरान मैंने मंत्री रहते हुए खून पसीने से रेलवे की बेहतरी के लिए काम किया। हाल ही में हुए हादसों से मैं काफी आहत हूं। पैसेंजरों की जान जाने, उनके घायल होने से मैं दुखी हूं। इससे मुझे बहुत पीड़ा है। पीएम के न्यू इंडिया विजन के तहत पीएम को ऐसे रेलवे की जरूरत है जो सक्षम हो और आधुनिक हो। मैं वादा कर सकता हूं कि हम उसी राह पर हैं, रेलवे आगे बढ़ रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में रेलवे ने सभी सेक्टर में दशकों पुराने सिस्टम और सुधारों से पार पाने की कोशिश की है। मैंने पीएम मोदी से मुलाकात भी की। इन हादसों की मैं नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं। पीएम ने मुझे इंतजार करने को कहा है।
कई मंत्रियों के पास है अतिरिक्त प्रभार
वर्तमान मंत्रिमंडल में कई मंत्री ऐसे हैं जिनके पास एक से अधिक मंत्रालयों का प्रभार है। इनमे केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के पास रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार है। चीन से जारी सीमा विवाद के बाद देश को एक रक्षा मंत्री की जरूतरात महसूस हुई है। वहीं वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद उनके मंत्रालयों का कार्यभार कपडा मंत्री स्मृति ईरानी और और नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपा गया था। एनडीए में दो नए सहयोगी भी जुड़े हैं और उनके सांसदों को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। केंद्रीय मंत्री अनिल दावे के निधन के बाद डॉ. हर्षवर्धन उनके मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार देख रहे हैं।
भाजपा अपनी पार्टी के कुछ नए चेहरों को भी मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है। हाल ही में राज्यसभा सांसद बने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी मोदी के पसंदीदा लोगों की फेहरिस्त में शामिल है। भाजपा 2019 पर ध्यान केंद्रित कर हर कदम उठा रही है और वह सभी समीकरणों को ध्यान में रखकर ही मंत्रिमंडल में फेरबदल करेगी।