भारत मे बैंक घोटाले के सबसे बड़े जालसाज मेहुल चौकसी अभी भारतीय नागरिकता रखता है,जबकि उसके पास बारबुडा और एंटीगुआ के पासपोर्ट हैं। भारत सरकार एंटीगुआ पर प्रत्यर्पण का दबाव बना रही है। पंजाब नेशनल बैंक में 2 अरब डॉलर के घोटाले के आरोपियों में मेहुल चौकसी का नाम शीर्ष पर हैं।
भारत में आम चुनाव से पूर्व मेहुल चौकसी का प्रत्यर्पण मौज़ूदा सरकार के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है और नरेन्द्र मोदी की भ्रष्टाचार विरोधी छवि को उभार सकता है। हीरा कारोबारी नीरव मोदी के साथ मेहुल चौकसी भी भारत से फरार है। उन्होंने कई बैंको से फर्जी दस्तावेजों से कर्ज लिया था। दोनों ने इन आरोपों को मानने से इनकार कर दिया और विदेश भाग गए।
मेहुल चौकसी के पास बर्बुडा और एंटीगुआ का पासपोर्ट है। इन देशों में विदेशी निवेश कर यहाँ की नागरिकता हासिल कर सकते हैं। गुएना में भारतीय उच्चायुक्त वेंकटाचलम महालिंगम ने एक इंटरव्यू में कहा की हमने उनका पासपोर्ट जब्त किया है, क्योंकि उन्होंने दोबारा भारतीय नागरिकता अपनाने की घोषणा नही की, लेकिन हमने उनकी भारतीय नागरिकता नही छीनी है। कोई यदि अपनी नागरिकता की दोबारा ऐलान करता है तो हम तैयार है।
उन्होंने कहा कि “आप कोई अपराध कर और फिर देश छोड़कर नही भाग सकते हो और फिर सोचो कि हम आपकी नागरिकता वापस लेने की अनुमति दे देंगे।” भारत ने अगस्त में प्रत्यर्पण के लिए अर्जी दाखिल की थी। यदि सभी पक्ष रज़ामंद है कि चैकसी भारतीय है यो कामनवेल्थ समझौते का इस्तेमाल कर उसका प्रत्यर्पण किया जा सकता है, लेकिन उसकी एंटीगुआ नागरिकता अड़ंगा डाल रही है और भारत भी दोहरी नागरिकता को मान्यता नही देता है।
एंटीगुआ के प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रमुख ने जनवरी में कहा था कि मेहुल चौकसी का प्रत्यर्पण पूर्ण रूप से अदालत पर निभर करता हुआ और अदालत में केस लंबा खिंच सकता है।
ख़बरों के मुताबिक मेहुल चौकसी और जतिन मेहता को भारत वापस लाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई के अफसर इन देशों की यात्रा करने वाले थे। एंटीगुआ के प्रधानमन्त्री कार्यालय के प्रमुख लियोनेल हर्स्ट ने कहा कि “मेहुल चौकसी अब एंटीगुआ का नागरिक है और सरकार उससे इस नागरिकता को नहीं छीन सकती हैं।
हाल ही में नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भ्रष्टाचार के आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया झेलनी होंगो,चाहे वह भारत का हो या विदेश का। देश को धोखा या लूटने वालों को अदालती कार्रवाई झेलनी होगी।