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    स्टैंडर्ड एंड पुअर्स भारत रेटिंग

    अभी पिछले हफ्ते अमेरिका की ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत के सोवरिन रैंकिंग में सुधार करते हुए ‘Baa2’ की ग्रेडिंग दी। इसके बाद आज स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को मजबूत बताया है। इसके साथ ही स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने भारत की रेटिंग को ‘BBB-‘ ही रखा है।

    स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने हाल ही में भारत सरकार द्वारा लिए गए फैसलों का भी समर्थन किया है। इसके मुताबिक जीएसटी जैसे फैसले अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगे।

    आपको बता दें ‘BBB-‘ का मतलब है कि भारत की स्थिति मजबूत है लेकिन इसमें सुधार हो सकते हैं। इससे पहले भी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने भारत को यही रेटिंग दी थी।

    आप को बता दें कि जहां मूडीज ने 14 सालों के अंतराल के बाद भारत को ‘Baa2’ की ग्रेडिंग दी थी वहीं स्टैंडर्ड एंड पुअर्स आज से 10 साल पहले यानि जनवरी 2007 में भारत को ‘BBB-‘ की ग्रेडिंग दी थी। इस रेंटिंग के पीछे स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने भारत की कम जीडीपी और कमजोर वित्तीय व्यवस्था का हवाला दिया था।

    पिछले साल इस ग्लोबल फर्म ने कहा था कि- जो हमारे मौजूदा पूर्वानुमान हैं, उनके आधार पर हम भारत की रेटिंग बदलने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। हांलाकि इस क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा था कि भारत के राजकोषीय परफॉर्मेंस में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है।

    सरकार ने सामान्य ऋण स्तर को जीडीपी के 60 फीसदी से नीचे कर दिया है। मौजूदा समय में भारत का सामान्य सरकारी ऋण जीडीपी का लगभग 68 फीसदी है। हाल में ही स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने सरकार के जीएसटी जैसे आर्थिक सुधारों की सराहना की थी। ऐसे में यदि स्टैंडर्ड एंड पुअर्स भारत की रेटिंग में सुधार करती है तो विदेशी निवेशक खुलकर निवेश करने के लिए बाध्य होंगे। यहां तक कि घरेलू निवेशक भी अपना पैसा लगाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। रूपए में मजबूती देखने को मिलेगी तथा जीएसटी और नोटबंदी जैसे महत्वपूर्ण फैसले पर पक्की मुहर लग जाएगी।

    गौरतलब है कि इससे पूर्व भारत सरकार इन ऐजेंसियों की रेटिंग के तरीकों की आलोचना करती रही है। मई 2017 में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा था कि, यह ग्लोबल एजेंसियां चीन और भारत की रेटिंग को लेकर हमेशा असंगत रही हैं, उन्होंने कहा था कि हम इन रेटिंग विश्लेषकों को गंभीरता से क्यों लेते हैं?

    अरविंद सुब्रमण्यन के विचारों के ठीक विपरीत देश के आर्थिक जानकारों का कहना कि यदि स्टैंडर्ड एंड पुअर्स की ओर से भारत की रेटिंग में सुधार किया जाता है, तो देश की छवि सुधरेगी तथा देश को कर्ज मिलना आसान हो जाएगा। यहीं नहीं विदेशी कंपनियों के निवेश में वृद्धि होनी शुरू हो जाएगी।

    स्टैंडर्ड एंड पुअर्स द्वारा पिछले सालों में भारत को दी गई रेटिंग

    • दिसंबर 1992 BB+
    • अक्टूबर 1998 BB
    • फरवरी 2005 BB+
    • जनवरी 2007 BBB-

    वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि एसएंडपी अपनी समीक्षा लेकर आ रही है, ऐसे में हम उसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों नतीजों के लिए तैयार हैं। पिछले हफ्ते मूडीज के क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड के बाद स्टैंडर्ड एंड पूअर्स फाइनेंशियल सर्विसेज ने इस मामले में कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था।

    आप को बता दें कि मूडीज के इस क्रेडिट रेटिंग के विरूद्ध आर्थिक जगत में कुछ आवाजें उठी थीं। ऐसे में स्टैंडर्ड एंड पुअर्स आज भारत को कितना अपग्रेड करती है, यह देखना अभी बाकी है।

    स्टैंडर्ड एंड पुअर्स क्या है?

    • एस एंड पी यानि स्टैंडर्ड एंड पुअर्स एक अमेरिकी वित्तीय सेवा कंपनी है। यह कंपनी वैश्विक तौर पर स्टॉक, बॉन्ड और कमोडिटीज़ पर वित्तीय अनुसंधान करती है और विश्लेषण भी प्रकाशित करती है।
    • एस एंड पी को विश्व की तीन बड़ी क्रेडिट-रेटिंग एजेंसियों में से एक माना जाता है, जिसमें मूडीज और फिच रेटिंग भी शामिल है।
    •  यह रेटिंग एजेंसी सार्वजनिक और निजी कंपनियों के कर्ज की क्रेडिट रेटिंग्स जारी करती है।