‘बिहार आश्रय गृह कांड’ में स्पेशल पोक्सो कोर्ट ने सीबीआई को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ जांच करने के आदेश दिए हैं।
नीतीश कुमार के अलावा मामले में मुजफ्फरपुर के जिला अधिकारी धर्मेंद्र सिंह और सामाजिक कल्याण के प्रमुख सचिव अतुल कुमार से भी पूछताछ के आदेश दिए गए हैं।
मामले के मुख्य आरोपी अश्विनी ने इन तीनों की जांच को लेकर याचिका डाली थी। जिसपर पोक्सो कोर्ट ने संज्ञान स्वरुप जांच के आदेश दिए हैं। ज्ञात हो कि अश्विनी बतौर डॉक्टर आश्रय गृह में आता था और शारीरिक प्रताड़नाओं से पहले बच्चियों को तमाम तरह की सुईयां देता था।
टाटा इस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस) की ओर से इस बाल गृह में चल रहे कुकृत्य के खिलाफ सरकार को आगाह करने के लिए रिपोर्ट सौंपी गई थी। बावजूद सरकार ने इस आश्रय गृह को पैसे देना जारी रखा। इसी सवाल को लेकर अब शक की सुई राज्य सरकार की ओर घुम गई है।
बीते साल जांच के दौरान कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। जिसमें आश्रय गृह के मालिक ब्रजेश ठाकुर के अलावा पुलिस के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं। बाद में जुलाई महीने में मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। कुछ दिनों बाद ही राज्य सरकार की सामाजिक कल्याण मंत्री मंजु वर्मा के पति के साथ ब्रजेश ठाकुर के करीबी रिश्ते की बात मीडिया में आ गई।
गिरफ्तार ब्रजेश ठाकुर को पटियााल के जेल में कैद किया गया है। जबकि अन्य आरोपी पटना व मुजफ्फरपुर के कैदीगृह में ही अपनी सजा काट रहे हैं।