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    ashok gehlot

    राज्य में अल्पसंख्यक गुर्जरों की मांग को मानते हुए सरकार ने उन्हें अतिरिक्त पांच फीसद आरक्षण देने की बात कही। जिसके बाद शनिवार को राजस्थान सरकार की ओर लिखित में आश्वासन पाकर धरने पर बैठे गुर्जरों ने आंदोलन खत्म कर दिया है।

    गुर्जरों समेत अन्य चार अल्पसंख्यक समुदायों का साथ मिलकर सड़क, रेलवे ट्रैक आदि बंद करके आक्रोश जता रहे प्रदर्शनकारियों का धरना आठ दिन तक चला।

    गुर्जरों के नेता किरोड़ी सिंह बेन्सेला के बेटे विजय बेन्सेला ने पीटीआई को कहा, “हम राज्य सरकार का बहुत-बहुत धन्यावाद करते हैं कि उन्होंने हमारी समस्या के निवारण हेतु काम किया और सभा में तमाम दिक्कतें होने के बावजूद विधेयक को पारित किया। हमें लिखित में आश्वासन देने के लिए भी हम उनके प्रति कृतज्ञ हैं।”

    राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह सरकार की ओर से प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने ही राज्य सरकार का लिखित आश्वासन गुर्जरों को सौंपा और धरना खत्म करने के लिए कहा।

    उत्तर-पश्चिम रेलवे के प्रभारी ने बताया कि इस धरने के कारण 64 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा था। बीते आठ दिनों में तकरीबन 71 ट्रेनों के रुट पूर्ण रुप से डाइवर्ट किए गए। साथ ही लगभग 32 ट्रेनों का रुट आंशिक तौर पर डायवर्ट किया गया था। वहीं पश्चिमी-मध्य रेलवे के प्रभारी ने बताया कि आंदोलन के कारण 148 ट्रेनें रद्द की गई। तकरीबन 143 के रुट डायवर्ट हुए और 52 ट्रेनों की दूरी को कम कर दिया गया था।

    8 फरवरी को बेन्सेला व उसके समर्थक मालारना डुंगर के करीब सवई मधोपुर जिले के रेलवे ट्रैक पर अपने 5 फीसद आरक्षण की मांग को लेकर बैठ गए थे। बुधवार को राजस्थान विधानसभा ने इस पर संज्ञान लेते हुए पांच समुदायों के ओर से आरक्षण की मांग को मंजूरी दे दी है।

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