Wed. May 1st, 2024

    वाराणसी, 5 अगस्त (आईएएनएस)| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का अनुसांगिक संगठन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच प्रसिद्ध सहित्यकार मुंशी प्रेमचंद के गांव वाराणसी स्थित लहमी के लोगों की प्यास बुझाने की रणनीति तैयार कर रहा है। इस कार्य को मुस्लिम मंच के विशाल भारत संस्थान के बैनर तले संचालित किया जाना है।

    ये दोनों संस्थाएं पहले वाराणसी में राम बैंक, अनाज बैंक, रोटी बैंक के बाद अब वाटर बैंक भी संचालित कर रहे हैं। इन लोगों ने अब मुंशी प्रेमचंद की जन्मस्थली लमही के लोगों की प्यास बुझाने के प्रयास में लगे हैं।

    भारत संस्थान के अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने बताया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल संचयन के आह्वान से प्रेरित होकर और पानी की समस्या को देखते हुए हमने यह निर्णय लिया है कि मुंशी प्रेमचंद के जन्मस्थली लमही में पानी की समस्या दूर की जाए। इसके लिए हम वहां पर एक वाटर बैंक खोलने जा रहे हैं, ताकि लोगों को मुफ्त में पानी दे सकें। पायलट प्रजेक्ट के तहत वाराणसी के शक्कर तालाब में पहला वाटर बैंक खोला गया है।”

    डा़ॅ श्रीवास्तव ने आईएएनएस को बताया कि “जिन क्षेत्रों में स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, हम वहां उपलब्ध करा रहे हैं। मुंशी प्रेमचंद्र के जन्मस्थान लमही में पानी की समस्या को देखते हुए पहला पानी बैंक खोला जाएगा। वहां का कुंआ सूख गया है, जिससे पानी की समस्या बढ़ रही है। ऐसे में वहां पर वाटर बैंक खोलकर लोगों की प्यास बुझाई जाएगी। इसके लिए स्थान का चयन हो चुका है।”

    उन्होंने कहा, “जल्द ही बोरिंग कराकर लोगों को स्वच्छ पानी मुहैया कराया जाना है। इससे हजारों लोगों की पानी की समस्या दूर हो जाएगी। इसके बाद अगला पड़ाव बुंदेलखंड के उरई में खोला जाना तय है। जहां पानी की समस्या है, वहां पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। लोगों को इसके लिए प्रेरित किया जाएगा। बोरिंग का खर्च लगभग 90 हजार रुपये आता है।”

    डॉ़ राजीव ने कहा, “अभी हमारा एक वाटर बैंक वाराणसी में चल रहा है। इस वटर बैंक में खातेदारों को रोजाना 30 से 80 लीटर तक शुद्ध जल नि:शुल्क उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। इस सुविधा का लाभ लेने वालों के लिए जल बर्बाद न करने की शपथ लेना अनिवार्य है।”

    उन्होंने बताया कि वाराणसी शहर के कई इलाकों में लाख कोशिशों के बाद भी पेयजल के साथ शुद्ध जल मिलने का संकट बना हुआ है। इसको देखते हुए विशाल भारत संसान और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने मुस्लिम बहुल इलाके शक्कर तालाब में वटर बैंक खोला है। इस इलाके में पानी आता नहीं, और कभी आ भी गया तो बदबूदार रहता है। यहां गहरी बोरिंग करवाकर कर लोगों को शुद्ध जल उपलब्ध करवाया जा रहा है। आने वाले समय में शहर के अन्य इलाकों में भी बैंक की शाखाएं खोली जाएंगी।

    यहां पर आने वालों को जल की बर्बादी न करने की शपथ भी दिलाई जा रही है। फिलहाल दो सौ परिवारों को इस सुविधा का लाभ मिल रहा है।

    उन्होंने बताया कि एक गैलन भी लोगों को मुफ्त में दिया जाएगा और निकासी पत्र से पानी ले सकते हैं। इसके साथ ही यहां पर आने वालों को जल बर्बाद न करने की शपथ भी दिलाई जा रही है। फिलहाल दो सौ परिवारों को इस सुविधा का लाभ मिल रहा है। पानी बैंक में खाता खोलने के लिए हर व्यक्ति को आधार कार्ड और अपनी तीन फोटो देनी होती हैं, ताकि पानी ले जाने वाले व्यक्ति की पहचान के साथ यह भी सुनिश्चित हो कि वह अपने परिवार के लिए ही पानी ले जा रहा है।

    डॉ़ राजीव ने बताया कि पानी बैंक के सदस्य का खाता होता है, जिसमें कौन रोज कितना लीटर पानी ले जाता है उसकी एंट्री होती है। साथ ही पानी लेने के लिए विद्ड्राउल फॉर्म भरना होता है। सभी का रिकर्ड रखा जाता है। यह पानी बैंक सुबह और शाम दो घंटे के लिए खुलता है। इस बैंक में मैनेजर और अन्य स्टाफ को मिला कर 6 लोग काम करते हैं। यह सभी नि:शुल्क सेवा दे रहे हैं।

    उन्होंने बताया, “इस अनोखे पानी बैंक की कोशिश है की सभी लोगों को शुद्ध पेयजल मिले और कोई प्यासा न रहे। यह गैर सरकारी पैसे से चलाया जा रहा है। आगे चलकर हम इसका प्रोजेक्ट बनाकर सरकार को देंगे, ताकि प्रदेश में जहां भी पानी की समस्या है, उसे सलीके से निपटाया जा सके।”

    डा़ॅ राजीव श्रीवास्तव पेशे से बीएचयू में इतिहास विभाग में शिक्षक हैं। वह ऐसे कई सामाजिक प्रकल्प चला रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनका एक आनाज बैंक भी बुंदेलखंड के उरई में चल रहा है और उसे देखकर अन्य लोग भी इस प्रकार के बैंक खोल रहे हैं। वह सड़क पर भटक रहे अनाथ बच्चों को आश्रय देते हैं।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *