भारत की मायानगरी मुंबई में साल 2008 में हुए हमले को चीन ने अब तक का सबसे कुख्यात हमला बताया है। चीन ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में आतंकवाद और चरमपंथ का वैश्विक फैलाव मानवता के लिए कष्टदायी बनता जा रहा है। इस आतंकी हमले को पाकिस्तान समर्थित लश्कर ए तैयबा ने अंजाम दिया था।
मुंबई हमले के साथ ही अमेरिका में 11 सितम्बर 2001 को हुए आतंकी हमले और 2002 में बाली बॉम्बिंग, साल 2013 में केन्या के वेस्टीज शॉपिंग मॉल आतंकी हमला और साल 2015 में पेरिस में हुए आतंकी हमले को भी चीन ने भयावह कहा है। इस सूचना को पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना के दफ्तर ने सोमवार को जारी की थी।
इस दस्तावेज को “फाइट अगेंस्ट टेररिज्म एंड एक्सट्रेसिम एंड ह्यूमन राइट प्रोटेक्शन इन शिनजियांग” के नाम से जारी किया गया था। चीन के उत्तर पश्चिमी प्रान्त में साल 2014 से 1300 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है।”
इस दस्तावेज के मुताबिक “समस्त विश्व में आतंकवाद और चरमपंथ शान्ति और विकास के लिए खतरा बन रहा है और कई जिंदगियों व संपत्ति को खतरे में डाल रहा है। चीन आतंकवाद और चरमपंथ के सभी आयामों का विरोध करता है और आतंकवाद से लड़ने में दोटूक व्यवहार का विरोध करता है।”
इसके अनुसार “अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का एक जिम्मेदार सदस्य होने के नाते चीन आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व और सामंजस्य में भूमिका का समर्थन करता है। आतंकवाद को नेस्तनाबूत करने वाले यूएन सुरक्षा परिषद् के प्रस्ताव का चीन समर्थन करता है और यूएन ग्लोबल काउंटर टेररिज्म स्ट्रेटजी को अमल में लाने में चीन पूरा योगदान करेगा।”
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में बुधवार देर रात को चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी की फेरहिस्त में शामिल होने से बचा लिया था। यह चौथी दफा है जब चीन ने तकनीकी आधार पर प्रस्ताव को खारिज कर दिया हैं। इस मसौदे को यूएन के अन्य स्थायी सदस्यों ने प्रस्तावित किया था। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल थे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी 17 से 20 मार्च तक चीन की यात्रा पर पहली पाकिस्तानी-चीनी विदेश मंत्रियों की रणनीतिक वार्ता के लिए जायेंगे। चीन ने सोमवार को कहा कि “भारत और पाकिस्तान सम्बन्ध के बीच तनावों के बाबत जानकारी पहली रणनीतिक वार्ता में ली जाएगी।” पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और उनके चीनी समकक्षी वांग यी की मंगलवार को मुलाकात होगी।