इस लेख के जरिये आज हम बात कर रहे है एक ऐसी लड़ाई की, जिसे बीजेपी एवं कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपनी प्रतिष्ठा की लड़ाई बनाये बैठी है। पिछले कुछ दिनों से एक फोटोशोप की हुई एक तस्वीर इंटरनेट पर बड़े प्रचलन में है। बहुत से लोग इसे मजाक में लेकर, हंसकर टाल रहे है या अपने कॉन्टेक्ट्स को फॉरवर्ड कर रहे है, जबकि कुछ लोग, जो बीजेपी की विचारधारा से प्रभावित है, वो उस तस्वीर पर आपत्ति जता रहे है। जी हाँ, हम बात कर रहे है एक मीम की, जो नरेंद्र मोदी को चायवाला बताते हुए उनका उपहास कर रहा है।
इस तस्वीर को कुछ युवा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने पब्लिश किया है एवं कांग्रेस इस पर माफ़ी मांग चुकी है। हालांकि, इस तरह के मीम का प्रचलन एवं उस पर इतनी बड़ी राजनीती, कोई नया विषय नहीं है। पहले भी बहुत सी ऐसी तस्वीरें दोनों ही पार्टियों की तरफ से विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाते हुए इंटरनेट पर डाली गयी है। बात हो चाहे कांग्रेस के नेताओं की, जिन्होंने मनमोहन सिंह एवं सोनिआ गाँधी को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, या राहुल गाँधी, जिनका आजकल लगता है कि उपनाम ही पप्पू पड़ गया है। या बीजेपी नेताओं की, खासकर, नरेंद्र मोदी, जिन्हे फेंकूं, चायवाला और भी ना जाने कैसे नामों से सम्बोधित किया गया।
पिछले कुछ दिनों से, जब देशभर में सियासी माहौल गरमाया हुआ है एवं दोनों ही पार्टियां गुजरात में अपने आप को श्रेष्ठ साबित करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा चुकी है, सवाल यह उठता है कि क्या सभी मुद्दों को भूलकर मीम जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना ही राजनेताओं का मकसद बन गया है?
बात करें शिवराज सिंह चौहान की या कांग्रेस के नेताओं की, जो सब कुछ छोड़कर, अपनी पार्टी और नेताओं का समर्थन करने में जुटे है। क्या दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और उसके सबसे बड़े नेता अब इंटरनेट पर फोटोशॉप की हुई तस्वीरों से राज करेंगे? आखिर कब तक यह झूठी प्रतिष्ठा की लड़ाई जारी रहेगी और आखिर कब तक, ये बचकानी हरकतें, जनमानुष के विचारों को प्रभावित करती रहेगी?
[youtube https://www.youtube.com/watch?v=swJ693AjMAE]
इस विषय में आपके क्या विचार हैं? आप अपने विचार कमेंट के जरिये हमारे साथ साझा कर सकते हैं।