Mon. Dec 23rd, 2024
    मिस्र के पिरामिड

    इतिहास की दुनिया का सबसे बड़ा रहस्य, कि मिस्र में रहने वाले प्राचीन कारीगरों ने कैसे एक दम सटीक साइज़ के पिरामिड का निर्माण किया होगा। आज से 4500 वर्ष पूर्व आखिरकार कैसे औजार मौजूद थे। पुराने ज़माने में कारीगरी अव्वल दर्जे की थी और तकनीक बेहतरीन थी। आखिरकार खोज के बाद यह रहस्य सुलझ गया है क्योंकि विज्ञान के समक्ष हर ताले की चाबी है।

    वैज्ञानिकों के मुताबिक प्राचीन शिलालेखों के तरह एक सीरिज में सीढ़ीनुमा आकार में रैंप और पोसटहोल का इस्तेमाल कर निर्माण किया गया, कब्रों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले विशाल पत्थरों के कारण निर्माण कार्य आसानी से संभव हो गया था।

    थ्योरी के मुताबिक प्राचीन मिस्र के लोगों ने इन पिरामिडो का निर्माण करने के लिए रैंप का इस्तेमाल किया करते थे लेकिन वैज्ञानिकों की नई खोज से एक नई बात उभर कर आई है।

    मीडिया के मुताबिक इस ढाँचे की खोज एंग्लो-फ्रेंच टीम ने की थी। इसका निर्माण ग्रेट पिरामिड गिज़ा (2580 बी सी -2560 बी सी) के निर्माण के दौरान ही हुआ था। जांचकर्ताओं के मुताबिक कारीगरों ने दोनों दिशाओं में पोस्टहौल लगा रखे थे। जानकारों के मुताबिक ब्लॉक के नीचे पोस्टहौल का इस्तेमाल पुल्ली सिस्टम बनाने के लिए किया गया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *